सिविल अस्पताल में रात 11.40 पर छापामारी, कहीं अंधेरा तो कहीं गार्ड गायब
सिविल अस्पताल में देर रात 11.40 बजे कार्यकारी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. त्रिलोचन सिंह, एसएमओ डॉ. चरणजीव सिंह तथा एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. रमन शर्मा ने अचानक छापामारी की।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सिविल अस्पताल में देर रात 11.40 बजे कार्यकारी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. त्रिलोचन सिंह, एसएमओ डॉ. चरणजीव सिंह तथा एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. रमन शर्मा ने अचानक छापामारी की। इस दौरान उन्हें कहीं अंधेरा तो कहीं सुरक्षा की भारी कमी दिखी। डॉक्टरों की टीम सबसे पहले इमरजेंसी में पहुंची, यहा मरीजों की भारी भीड़ लगी हुई थी। स्टाफ की कमी यहा खल रही थी। उन्होंने इसके बाद जच्चा-बच्चा वार्ड का रुख किया तो इमरजेंसी से लेकर जच्चा-बच्चा वार्ड के प्रवेश द्वार तक अस्पताल की सभी लाइटें बंद थी। अंधेरे में जच्चा बच्चा वार्ड पहुंचे तो प्रवेश पर ड्रेनेज सिस्टम डगमगाने से सड़क पर पानी बिखरा हुआ था। एक साल से सड़क पूरी तरह धंसी हुई है।
जच्चा-बच्चा वार्ड का एसी बंद
उन्होंने जच्चा-बच्चा वार्ड में जाच में पाया कि ग्राउंड फ्लोर पर सभी वार्ड पूरी तरह से फुल थे। सुरक्षा कर्मियों व स्टाफ की लापरवाही के चलते मरीजों के परिजनों की खासी भीड़ जमा थी। वाडरें में लाइटों का अभाव था, एसी बंद होने से मरीज परेशान थे।
हड्डी वार्ड : रैंप में बिजली गुल
टीम ने पुरानी इमारत में हड्डी वार्ड तथा डेंगू वार्ड का दौरा किया तो रैंप में बिजली गुल होने के साथ-साथ बिजली की तारें भी चोरी हो चुकी थी। जच्चा-बच्चा वार्ड व पुरानी इमारत में बने डेंगू वार्ड के शौचालय की सीवरेज व्यवस्था ठप होने से बदबू फैली हुई थी।
डेंगू वार्ड : गद्दे फटे, चादरें नहीं
डेंगू वार्ड में लगे बेड पर गद्दे फटे हुए थे और चादरें नहीं थी। वार्ड में 26 मरीज वायरल बुखार से तप रहे थे और ऊपर से पंखे भी खराब होने से उन्हें खासी परेशानी हो रही थी।
ट्रॉमा सेंटर : मरीज कम, तीमारदार ज्यादा
टीम ने ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया तो वहा के आईसीयू में मरीज कम व परिजनों की संख्या अधिक थी। टीम ने मौके पर सुरक्षा कर्मियों व स्टाफ को फटकार लगाई। इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने अतिरिक्त परिजनों को वार्ड से बाहर निकाला।
चेकिंग के दौरान स्टाफ ड्यूटी पर मौजूद था। सुरक्षा कर्मियों की वजह से अव्यवस्था का आलम था। डेंगू वार्ड में शुक्त्रवार को ही पंखों की व्यवस्था की जाएगी। बेड भी मंगवाए जाएंगे। अस्पताल में चरमराई बिजली की व्यवस्था भी जल्द ठीक करवाई जाएगी। जच्चा बच्चा वार्ड व पुरानी बिड्क्षल्डग के रास्ते में बड़ी लाइटें लगाई जाएंगी।
- डॉ. त्रिलोचन ड्क्षसह, कार्यकारी मेडिकल सुपड्क्षरटेंडेंट, सिविल अस्पताल।