Jagran Impact:आखिर जागा सिविल अस्पताल प्रशासन, व्हीलचेयर लेने के लिए लगने वाली सिक्योरिटी बंद Jalandhar News
इसी के तहत सिविल अस्पताल में ओपीडी में व्हीलचेयरों की संख्या में इजाफा करने अलावा व्हीलचेयर लेने के लिए 100 रुपये की सिक्योरिटी भी बंद कर दी है।
जालंधर, जेएनएन। दिव्यांग व बुजुर्गों को सिविल अस्पताल तथा ईएसआइ अस्पताल में व्हीलचेयर की सुविधा को सुचारू ढंग से मुहैया करवाने के लिए दैनिक जागरण की मुहिम चलती रहे यह जिंदगी रंग लाने लगी है। दोनों अस्पतालों में मरीजों को व्हीलचेयर के लिए हो रही परेशानियों के समाधान को लेकर अस्पताल प्रशासन भी हरकत में आया है।
इसी के तहत सिविल अस्पताल में ओपीडी में व्हीलचेयरों की संख्या में इजाफा करने अलावा व्हीलचेयर लेने के लिए 100 रुपये की सिक्योरिटी भी बंद कर दी है। ईएसआइ अस्पताल में व्हील चेयर की जिम्मेवारी इमरजेंसी में तैनात स्टाफ को सौंपी गई है जो मरीजों को मुहैया करवाएंगे।
व्हील चेयर के लिए 100 रुपये सिक्योरिटी जमा नही करवानी पड़ी
कबीर नगर रहने वाले राजिंदर सिंह पिछले माह सड़क हादसे में टांग पर चोट लगने के बाद हड़्डी रोग विभाग में ईलाज करवा रहे हैं। राजिंदर सिंह कहते हैं कि अस्पताल पहुंचे और उन्हें व्हीलचेयर लेने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ा। पहले जब वे आए ते तो व्हीलचेयर लेने के लिए उन्हें 100 रुपये सिक्योरिटी जमा करवानी पड़ी थी। इस बार पूछताछ केन्द्र पर तैनात मुलाजिम ने नाम पता दर्ज कर व्हील चेयर दे दी।
भाग कौर को बिना इंतजार किए मिली व्हीलचेयर
मकसूदां की रहने वाली भाग कौर की तबीयत खराब थी। उनकी जांच करवाने के लिए उनकी बहन परमजीत कौर अस्पताल में लेकर आई। मौके पर तैनात सुरक्षा कर्मी से व्हीलचेयर के बारे में पूछा तो उन्होंने पूछताछ केंद्र पर भेजा। वहां एक युवक मौजूद था और उसके पास चार पांच व्हील चेयर पड़ी थीं। व्हीलचेयर मांगी तो उन्होंने रजिस्टर में मरीज का नाम, पता व फोन नंबर व ओपीडी पर्ची का नंबर नोट कर व्हील चेयर सौंप दी। वहां व्हीलचेयर लेकर मरीज की जांच पड़ताल कराई और वापस कर दी।
छुट्टी के बाद वार्ड से मिली व्हीलचेयर
रंधावा मसंदा की रहने वाली स्वर्ण कौर को तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया। उन्हें छुट्टी मिली तो उन्हें निजी गाड़ी से घर लेकर जाना था। उनके बेटे सतपाल वार्ड में तैनात नर्सिंग स्टाफ से मरीज को गाड़ी तक ले जाने की व्यवस्था के बारे में बात कही। स्टाफ नर्स ने बिना कोई विलंब किए उन्हें व्हीलचेयर मुहैया करवाई। इसके साथ ही मरीज को गाड़ी तक पहुंचाने के बाद व्हीलचेयर को वापिस वार्ड में पहुंचाने की बात कही थी।
राजिंदर को भी मिली सुविधा
इसी तरह वहीं सड़क हादसे की वजह से टांग पर लगी चोट की जांच करवाने आई मॉडल हाउस की रहने वाली राजिंदर कौर ने पूछताछ केन्द्र पर व्हील चेयर की मांग की। वहां तैनात मुलाजिम तुरंत अंदर गया और वहां से व्हीलचेयर लेकर आया और उन्हें दी।
इमरजेंसी में दी है व्हील चेयर की सुविधा : डॉ. जसप्रीत कौर
ईएसआइ अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. जसप्रीत कौर सेखों का कहना है कि गंभीर घायल व बीमार मरीजों का इलाज करवाने के लिए निजी अस्पतालों को पैनलमेंट में शामिल किया है। व्हीलचेयर की सुविधा इमरजेंसी में दी गई है। अस्पताल के ओपीडी व इनडोर की प्रक्रिया को पूरा करने वाले स्टाफ को व्हीलचेयर की जानकारी मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर देने की हिदायतें दी गई हैं।
ओपीडी कांप्लेक में वहील चेयर की संख्या बढ़ाई : डॉ. मनदीप कौर
सिविल अस्पताल की एमएस डॉ. मनदीप कौर का कहना है कि मरीजों की सुविधा के लिए ओपीडी कांप्लेक्स में व्हील चेयर की संख्या बढ़ाई गई है। वार्डों में खराब पड़ी व्हील चेयर की रिपोर्ट मांगी गई है और जो खराब हैं उन्हें ठीक करवाने की हिदायतें दी गई है। अस्पताल के कंप्यूटर विभाग के बाहर व्हील चेयर देने को एक मुलाजिम की तैनाती की है। व्हील चेयर देने को 100 रुपये सिक्योरिटी जमा करवाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।