कोरोना संक्रमण को मात देकर फिर मैदान में डटे सीआइए प्रभारी हरमिंदर सिंह
कोरोना वायरस शुरू होने के बाद से ही सीआइए प्रभारी हरमिंदर सिंह लोगों की सुरक्षा के लिए फील्ड में डट गए थे। सरकार के बनाए नियमों को लागू करवाने अपराधियों के पकड़ने के साथ साथ लोगों को राशन दवा लंगर आदि पहुंचाने का काम भी करते रहे।
जालंधर, सुक्रांत। लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत ¨सह भुल्लर ने जो ड्यूटी लगाई, उसे निभाने के लिए दिन रात एक किया। खुद पॉजिटिव आया तो दिन रात योग और मेडीटेशन से कोरोना को हराया और अब लोगों को कोरोना से बचाने के लिए फिर से मैदान में डट गया। यह कहना है कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में अग्रिम पंक्ति के योद्धा सीआइए प्रभारी हरमिंदर सिंह का, जो कोरोना पॉजिटिव आने के बाद पंद्रह दिन का एकांतवास निकालने के बाद फिर से कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में शामिल हो गए हैं।
कोरोना वायरस शुरू होने के बाद से ही सीआइए प्रभारी हरमिंदर सिंह लोगों की सुरक्षा के लिए फील्ड में डट गए थे। सरकार के बनाए नियमों को लागू करवाने, अपराधियों के पकड़ने के साथ साथ लोगों को राशन, दवा, लंगर आदि पहुंचाने का काम भी करते रहे। सितंबर माह शुरु होने के बाद वह खुद भी कोरोना की चपेट में आ गए। पंद्रह दिनों के लिए एकांतवास में जाना पड़ा।
हरमिंदर सिंह ने बताया कि इन पंद्रह दिनों में भले ही वो घर पर रहे लेकिन अपने बाकी अफसरों के साथ फोन पर जुड़े रहे ताकि उनका काम प्रभावित न हो। उन्होंने बताया कि घर में अपने कमरे को ही उन्होंने योग और व्यायामशाला बना लिया था। सुबह शाम सैर करना भी नियम में शामिल कर लिया था। सुबह एक घंटे योग और मेडीटेशन के साथ शाम को एक घंटा सैर और व्यायाम करते थे। इसके अलावा फलाहार और शाकाहर को अपना लिया था।
उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात तो यह थी कि वाहेगुरु का सिमरन हर वक्त करते थे। उन्होंने बताया कि पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर सहित बाकी सभी आला अधिकारों ने समय समय पर फोन कर उनका मनोबल बढ़ाया जिससे उनको इस वायरस से लड़ने में मदद मिली। इसके अलावा परिवार के सदस्यों ने उनको पूरा सहयोग दिया। वीडियो कॉल कर उनसे बात करते और उनको हिम्मत देते थे। इंस्पेक्टर हरमिंदर सिंह ने बताया कि अब वो पूरी तरह से ठीक हैं और कोरोना वायरस के खिलाफ जारी पुलिस विभाग की लड़ाई को लड़ने के लिए डटे हुए हैं।