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कमजोर कानून के कारण धड़ल्ले से बिक रही है चाइनीज डोर, पकड़े गए तो सिर्फ एक महीने की सजा

जालंधर में कमजोर कानून के कारण चाइनीज डोर की बिक्री धडल्ले से हो रही है। पकड़े जाने पर दुकानदार को केवल एक महीने की सजा और दो सौ रुपये जुर्माना भरना होता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 01:10 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 01:10 PM (IST)
कमजोर कानून के कारण धड़ल्ले से बिक रही है चाइनीज डोर, पकड़े गए तो सिर्फ एक महीने की सजा
कमजोर कानून के कारण धड़ल्ले से बिक रही है चाइनीज डोर, पकड़े गए तो सिर्फ एक महीने की सजा

जालंधर [सुक्रांत]। ड्रैगन डोर (चाइनीज डोर) की मांग इसकी बिक्री पर रोक लगाने के रास्ते में सबसे बड़ी मुश्किल बन गई है। शहर में चाइनीज डोर बेचने पर पूरी तरह से पाबंदी है फिर धड़ल्ले से यह बिक रही है। चाइनीज डोर की मांग और बिक्री कमजोर कानून की वजह से बढ़ी है और यही कमजोरी चाइना डोर बेचने वालों को ताकतवर बना रही है। आइपीसी की धारा 188 के तहत चाइना डोर के साथ पकड़े जाने के बाद यदि अदालत में चाइनीज डोर की बिक्री साबित हो भी जाए तो भी महज एक महीने की सजा और दो सौ रुपये जुर्माना है। ऐसे में चाइनीज डोर बेचने वाले धड़ल्ले से डोर दूसरे राज्यों से लाकर शहर भर में सप्लाई कर रहे हैं।

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पिछले कुछ सालों में चाइनीज डोर ने जिस तरह से लोगों की जान ली है या घायल किया है उससे इसे खूनी डोर भी कहा जाने लगा है। रविवार को भी प्लाजा चौक के पास पुरानी कचहरी में पेड़ पर चाइन डोर से कौवा फंस गया। दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पानी की धार से पहले डाली को झुकाया और फिर कौवे को बचाया।

पुरानी कचहरी के पास चाइनीज डोर में कोआ फंस गया। मौकेपर पहुंचे दमकल कर्मियों ने पानी डालकर पहले डाली को झुकाया, फिर उसे डोर से छुड़ाया।

चाइनीज डोर- फैक्ट शीट

  • दो साल में 42 लोग हुए बुरी तरह जख्मी
  • बीते दो सालों में 42 लोग चाइना डोर की चपेट में आकर बुरी तरह से घायल हो चुके हैं।
  • हर साल एक लाख चाइनीज गट्टू बिक रहे
  • सीजन में करीब एक लाख चाइनीज गट्टू जालंधर में बिक जाते हैं।

दुकानदारों को लुभा रही है मांग के साथ मोटी कमाई

सर्दियों  में खूब पतंगबाजी होती है। चाइना डोर की मांग और इससे होने वाली मोटी कमाई दुकानदारों को इसे बेचने के लिए उकसाती है। चाइना डोर से उड़ाई जा रही पतंग लोकल डोर से उड़ाई जा रही पतंग को आसानी से काट देती है जिससे लोग पतंगबाजी के लिए ड्रैगन डोर को प्राथमिकता देते हैं।

बिक्री के लिए दुकानदार अपना रहे हैं अनोखे तरीके

ड्रैगन डोर की बिक्री प्रशासन ने बैन कर रखी लेकिन दुकानदारों ने अलग ही तरीके निकाल लिए हैं। दुकान में चाइना डोर बेचने की बजाय गोदाम या कार में बेचने का काम कर रहे हैं। पैसे दुकान पर लिए जाते हैं और सामान कार में से दिया जाता है। यही नहीं इसके थोक विक्रेताओं को देर रात को इसकी सप्लाई दी जा रही है। सारे मुख्य सप्लायर दिल्ली से थोक चाइना डोर लाकर शहर में इसकी सप्लाई कर रहे हैं। दिल्ली से मनियारी के समान के साथ चाइना डोर के गट्टू लाए जाते हैं।

यह है दामों में अंतर व कमाई

देसी डोर (गट्टू और गोला)

110 रुपये थोक मार्किट में दाम

140 से 150 रुपये रिटेल मार्किट में दाम

ड्रैगन डोर (गट्टू)

150 रुपये थोक मार्किट में दाम

300 से 400 रुपये रिटेल में

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