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छोटेपुर बोले, श्री अकाल तख्त साहिब के फैसलों को बचकाना बताते हैं केजरी

आप के पंजाब कन्वीनर पद से हटाए गए सुच्चा सिंह छोटेपुर ने कहा कि केजरी और उनके दिल्ली वाले चहेते साथियों को न तो सिख धर्म से कुछ लेना-देना है और न ही सिखी के सिद्धांतों से।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 01 Sep 2016 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2016 05:04 PM (IST)
छोटेपुर बोले, श्री अकाल तख्त साहिब के फैसलों को बचकाना बताते हैं केजरी

जालंधर (अमित शर्मा)। सुच्चा सिंह छोटेपुर ने आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए साफ तौर पर उन पर सिख और सिख धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केजरी और उनके दिल्ली वाले चहेते साथियों को न तो सिख धर्म से कुछ लेना-देना है और न ही सिखी के सिद्धांतों के बारे में कोई ज्ञान है।

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एक विशेष साक्षात्कार में छोटेपुर ने कहा कि सिखों की सर्वो'च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के फैसलों को वे (अरविंद) बचकाना मानते हैं और यह राय रखते हैं कि यदि पंजाब में राज करना है तो आम आदमी पार्टी में रहते हुए हमें ऐसे फैसलों को ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए। छोटेपुर के अनुसार सिखी व श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति केजरीवाल और उनकी टीम की सोच का उन्हें पहली बार असली भान तब हुआ जब मेनिफेस्टो वाले विवाद को लेकर केजरीवाल सर्वप्रथम अमृतसर माफी मांगने आए।

उस समय श्री हरिमंदिर साहिब से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कार में बैठते ही पूछा कि क्या सु'चा सिंह भी कार में हैं, तो मैंने उन्हें कहा कि 'हां'। तब उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि मैंने इस मामले में यह बयान देकर अच्छा नहीं किया कि मुझे मेनिफेस्टो के बारे में कुछ पता नहीं था। केजरी ने कहा कि आपको मीडिया में यह झूठ कहना चाहिए था कि मैनिफेस्टो का कवर पेज मुझे दिखाया गया था। जवाब में उन्हें काटते हुए मैंने कहा कि चूंकि मैं 17 साल तक एसजीपीसी का सदस्य रहा हूं, इसलिए ऐसा बोला झूठ किसी के गले नहीं उतरेगा और वैसे भी मेरे खिलाफ इंद्रजीत सिंह जीरा ने श्री अकाल तख्त साहिब से शिकायत कर रखी है। ऐसे में झूठ बोलने पर श्री अकाल तख्त साहिब मुङो पंथ से निष्कासित कर देता और इस फैसले से आम आदमी पार्टी के लिए बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाती।

इस पर मुझे धिक्कारते हुए केजरीवाल ने कहा कि अकाल तख्त के ऐसे फैसलों को तूल नहीं देना चाहिए, यह तो बचकानी बातें होती हैं। मैंने बीच में टोकते हुए ऐसी बेतुकी बातें न करने की सलाह दी और कहा कि अगर गलत हुआ है तभी तो बर्तन साफ करने की सेवा करने आना पड़ा। मेरे इस रवैये के बाद कार में सन्नाटा छा गया। तब न तो कार में बैठा भगवंत बोला और न ही दुर्गेश व संजय।

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छोटेपुर ने कहा कि उन्होंने पार्टी में रहकर अरविंद और उनके दिल्ली ब्रिगेड के ऐसे रवैये का हमेशा विरोध जताया और दिल्ली में गोपाल राय और कुमार विश्वास को केजरीवाल को सतर्क करने को कहा, पर जितनी बात संजय और दुर्गेश की सुनी जाती है शायद उन सब की नहीं।

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केजरीवाल ने कई बार कहा, भगवंत मान नशेड़ी है पर भीड़ इकट्ठी करने के लिए सहना होगा। छोटेपुर ने कहा कि उन्होंने भगवंत मान पर लगे नशा करने के आरोपों पर कभी भी कुछ नहीं कहा, लेकिन आज बाबा नानक को साक्षी मानकर पहली बार यह कहना चाहता हूं कि केजरीवाल ने एक बार नहीं कम से कम बीस बार यह कहा होगा कि वह जानते हैं कि भगवंत मान शराब पीते हैं और पार्टी के लिए कभी भी बड़ी मुसीबत बन सकते हैं। जब भी हमने-चाहे मैं या डॉ. गांधी- यह मुद्दा केजरीवाल से उठाया तो हमें यह कहा गया कि पार्टी उसे राज्य की सक्रिय राजनीति में कोई बड़ी पोजीशन नहीं दे रही है। वह एक चर्चित चेहरा है और भीड़ जुटाने के लिए हमें उसको सहना होगा।

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