चालान भुगतान के बाद ये काम जरूरी, वरना नहीं कर पाएंगे वाहन रीसेल, आरसी भी रिन्यू नहीं होगी
अगर ट्रैफिक पुलिस ने आपका चालान काटा है तो भुगतान करने के बाद पुलिस लाइन स्थिति ट्रैफिक सेल में एंट्री जरूर कराएं। नहीं तो चालान रिकार्ड से डिलीट नहीं होगा।
सत्येन ओझा, जालंधर। सूबे में अगर कहीं आपके वाहन का चालान हुआ है तो आरटीए या कोर्ट में उसका जुर्माना अदा कर अपना काम खत्म न समझें। जुर्माना अदा करने के बाद पुलिस लाइन स्थित ट्रैफिक सेल में एंट्री जरूर करा दें। अन्यथा जुर्माने का भुगतान करने के बाद भी चालान आपके रिकार्ड में दर्ज रहेगा और आप न तो वाहन रिसेल कर पाएंगे और न ही उसकी आरसी रिन्यू होगी।
दरअसल, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में इसी साल 9 मई से शुरू हुए नए सॉफ्टवेयर वाहन-4 में ये व्यवस्था है कि जब तक रिकार्ड में चालान के भुगतान का रिकार्ड दर्ज नहीं होगा। कोई व्यक्ति अपने वाहन की आरसी न तो रिन्यू करा सकेगा, न ही गाड़ी बेचने पर किसी दूसरे के नाम पर आरसी ट्रांसफर कर सकेगा। यहां तक कि रोड टैक्स भी जमा नहीं हो पाएगा।
यह है पूरा मामला
पुलिस विभाग में वाहनों के चालान की व्यवस्था ऑनलाइन हो चुकी है। हर दिन जिलेभर में होने वाले चालान की एंट्री उसी दिन शाम को ऑनलाइन कर दी जाती है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने नया सॉफ्टवेयर वाहन-4 लागू कर पुलिस के चालान वाले सॉफ्टवेयर के साथ तो उसे अटैच कर दिया, लेकिन चालान भुगतने की प्रक्रिया को पुलिस के सॉफ्टवेयर के साथ लिंक नहीं किया है। ऐसे में रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) में चालान भुगतने की प्रक्रिया अब भी मैनुअल है। लोग चालान पर लगने वाले जुर्माने की राशि का भुगतान कर अपना डॉक्यूमेंट तो हासिल कर लेते हैं, लेकिन रिकार्ड में वाहन के नाम चालान बना रहता है। जब तक चालान पर हुए जुर्माने की कुल राशि की रसीद संख्या के साथ रिकार्ड में एंट्री नहीं होगी तब तक चालान रिकार्ड में बना रहेगा। आरटीए में चालान की राशि जमा होने के साथ जब्त डॉक्यूमेंट मिलने के बाद लोग समझ लेते हैं, उनका काम हो गया। ये सोच गलत है।
प्रतिदिन होते हैं करीब 375 चालान
एसीपी ट्रैफिक जंग बहादुर के अनुसार जिले में पुलिस प्रतिदिन 375 के करीब चालान करती है, उधर आरटीए में औसतन प्रतिदिन 200 चालान भुगते जाते हैं। मई से लेकर अब तक लगभग 24,700 से ज्यादा चालान आरटीए में भुगते जा चुके हैं, जिनमें से 600 से भी कम लोगों ने पुलिस लाइन में जाकर अपना चालान भुगतने के बाद
उसे डिलीट कराया है।
भुगतना पड़ेगा ये नतीजा
चालान की राशि जमा करने के बाद कोई व्यक्ति ज्यादा समय तक रसीद संभालकर नहीं रखता है, लोग उस समय परेशान होते हैं जब गाड़ी बेचने पर वे आरसी किसी और के नाम ट्रांसफर करना चाहते हैं या आरसी को रिन्यू कराना चाहते हैं लेकिन होती नहीं है। ये प्रक्रिया तभी संभव है जब रिकार्ड में चालान के भुगतान का रिकार्ड दर्ज हो जाए।
आरटीए करें निदान : एसीपी ट्रैफिक
एसीपी ट्रैफिक जंग बहादुर ने बताया कि इस प्रकार के मामले उनके पास आए हैं, लेकिन समस्या पुलिस की नहीं है, आरटीए की है। उन्हें सिस्टम को ऑनलाइन करके रिकार्ड डिलीट करना चाहिए। पुलिस के पास जो चालान रसीद लेकर आते हैं, उनका रिकार्ड डिलीट कर दिया जाता है।