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    साडा पंजाबी दा दम: ब्रिटेन में जीत पर पंजाब के जालंधर में जश्‍न

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 10 Jun 2017 12:06 PM (IST)

    ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में पंजाबी मूल के तीन लोगों की जीत पर राज्‍य में जमकर जश्‍न मनाया। ये तीनों जालंधर के रहनेवाले हैं।

    साडा पंजाबी दा दम: ब्रिटेन में जीत पर पंजाब के जालंधर में जश्‍न

    जेएनएन, जालंधर। ब्रिटेन के संसदीय चुनावों में तीन पंजाबियों की जीत से राज्‍य में जश्‍न का माहौल है। खासकर जालंधर में लोगों ने मिठाइयां बांटीं और ढ़ोल की थाप प भगड़े डाले। मूल रूप से जालंधर जिले के तनमनजीत सिंह, प्रीत कौर गिल और वीरेंद्र शर्मा की जीत की खबर यहां पहुंची ताे शहर और उनके गांवों में लोगों ने खूब खुशियां मनाईं।

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    स्लाओ क्षेत्र से तनमनजीत सिंह ढेसी ने शानदार जीेत दर्ज की। जालंधर में उनके पैतृक गांव रायपुर फराला में लोगों ने जमकर जश्न मनाया। उनके घर पर त्‍योहार सा माहौल हो गया। 17 अगस्त 1978 को जन्मे तनमनजीत की उपलब्धि पर पूरा गांव गर्व कर रहा है। सबसे ज्यादा खुश उसके दादा सरवण सिंह ढेसी हैं।

    तनमनजीत सिंह ढेसी की जीेत दर्ज पर जालंधर के गांव रायपुर फराला में जश्‍न मनाते परिजन।

    दादा सरवण सिंह ने अपने परिवार और गांववालों के साथ मिलकर भंगड़ा डालकर खुशी का इजहार किया। बधाई देने और मुंह मीठा करने वाले अब भी आ रहे हैं। उनके चाचा परमजीत सिंह और अमरीक सिंह भी बहुत खुश हैं। चाचा ने बताया कि तनमनजीत सिंह की कॉल आई कि चाचा जी मैं एमपी दा चुनाव जित्त गया हां। तनमनजीत की खासियत यह है कि वह जब भी किसी चुनाव सभा या आमसभा में भाषण देते हैं, शुद्ध पंजाबी बोलते हैं, अंग्रेजी का प्रयोग नहीं करते।

    95 वर्षीय दादा सरवण सिंह कहते हैं कि यह मेरे व परिवार के लिए सबसे बड़ी खुशी का दिन है कि उनका पोता ब्रिटेन का ऐसा पहला सांसद बना है, जो पगड़ीधारी सिख है व शाकाहारी है। वह किसी तरह का नशा भी नहीं करता। उन्होंने कहा कि छह महीने पहले वह इंग्लैंड गए थे। अब दो-तीन महीने बाद फिर जाएंगे। उन्होंने कहा कि तनमनजीत बचपन से ही होशियार था, तभी लग गया था कि एक दिन यह लड़का जरूर कोई बड़ा काम करेगा।

    जन्म इंग्लैंड में, शुरुआती शिक्षा पंजाब में

    तनमनजीत का जन्म इंग्लैंड में हुआ, लेकिन पंजाबी संस्कार और पंजाबियत उन्हें मातृभूमि से ही मिली, क्योंकि उनकी शुरुआती शिक्षा पंजाब में हुई। तनमनजीत ने प्राइमरी तक की शिक्षा शिवालिक पब्लिक स्कूल मोहाली से प्राप्त की। मिडिल शिक्षा दशमेश एकेडमी आनंदपुर साहिब से पूरी करने के बाद इंग्लैंड चले गए। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से मैथेमैटिक विद मैनेजमैंट में बीएससी ऑनर्स की डिग्री ली। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्टैटिक्स में एमएससी की डिग्री ली। इसके बाद मॉडर्न इंडियन स्टडी विषय पर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से एमफिल किया।

     

    तनमनजीत सिंह ढेसी के पैतृक गांव रायपुर फराला में लोगों का मुं‍ह मीठा करवाते परिजन।

    मजदूरी करते थे पिता, आज करोड़ों का कारोबार

    तनमनजीत सिंह के पिता जसपाल सिंह 1976 में इंग्लैंड गए थे। उन्होंने वेल्डिंग का काम सीखा और धीरे-धीरे कारोबार को बढ़ाते गए। बाद में बेटे तनमनजीत सिंह ने काम संभाला और आज उनका रियल एस्टेट और कंस्ट्रशन का करोड़ों का कारोबार है। तनमनजीत अपनी पढ़ाई के साथ राजनीति में भी सक्रिय रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता का कामकाज संभाला तो कारोबार आसमान पर पहुंचा दिया।

    दो साल पहले हार गए थे तनमनजीत

    स्लाओ से दो साल पहले भी तनमनजीत लेबर पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए। इस बार 17 हजार वोटों से जीत दर्ज कर रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले वह ग्रेवशम शहर के मेयर रह चुके हैं। पिता जसपाल सिंह, मां दविंदर कौर पत्नी मनवीन कौर और बेटे जगाद सिंह के साथ ग्रेवशम में रहते हैं। छोटा बेटा भी प्राइमरी शिक्षा पूरी कर परिवार के पास चला जाएगा।

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    पहली सिख महिला सांसद गिल का संबंध भी जालंधर से

    बर्मिंघम से सांसद बनीं प्रीत कौर गिल का संबंध भी जालंधर से ही है। प्रीत का पैतृक गांव खेड़ा जमशेर है, हालांकि अब वहां पर कोई नहीं रहता। दशकों पूर्व सारा परिवार इंग्लैंड चला गया था। प्रीत का जन्म भी वहीं हुआ। प्रीत कौर गिल चुनाव जीते तनमनजीत सिंह की दूर की रिश्तेदार हैं और वह इंग्लैंड की पहली सिख महिला सांसद बनी हैं। प्रीत कौर गिल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह जहां पली बढ़ीं, वहीं की संसद में प्रतिनिधित्व करेंगी।

    वीरेंद्र शर्मा की जीत पर भी मनाई खुशियां

    जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन रहे दिवंगत कांग्रेसी नेता पंडित लेखराज शर्मा के बेटे वीरेंद्र शर्मा के फिर से लेबर पार्टी से ईलिंग साउथहाल से सांसद चुने जाने पर भी शहर के लोगाें में खुशी है। 5 अप्रैल 1947 को शहर में जन्मे वीरेंद्र शर्मा इस सीट से तत्कालीन सांसद प्यारा खाबड़ा के निधन के बाद साल 2007 में हुए उपचुनाव से एमपी बनते आ रहे हैं।

    मकसूदां के पास विवेकानंद पार्क में रहते उनके समधी भाजपा नेता शाम शर्मा का परिवार जीत से फूला नहीं समा रहा। वार्ड एक से भाजपा पार्षद रहे शाम शर्मा ने बताया कि वीरेंद्र शर्मा के बेटे संजीव शर्मा बॉबी से मेरी बेटी रितु शर्मा की शादी हुई है। रितु ने हमें फोन कर खुशखबरी सुनाई। खबर सुनते ही शाम शर्मा के भाई विनोद शर्मा मोती और बेटों रमण व वरुण समेत परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। बधाइयां देने वालों का तांता लग गया।

    वीरेंद्र शर्मा का परिवार बेटे संजीव व बेटी मोनिका समेत इंग्लैंड में ही बसा हुआ है। वीरेंद्र अपने गृहनगर जालंधर शहर में आते रहते हैं। पंजाब सरकार की ओर से आयोजित एनआरआइ सम्मेलन में भी वह शामिल होते रहे हैं।  वीरेंद्र सिंह का परिवार शहर के मोता सिंह नगर में रहा करता था जोकि 1968 के बाद चला गया। पैतृक गांव फगवाड़ा बंगा रोड स्थित गांव मंडाली हुआ करता था।