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CMO तक पहुंचा समाजसेवक तिवारी पर दर्ज पर्चे का मामला, अफसरों की मुश्किलें बढ़ी Jalandhar News

तिवारी की शिकायत को अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने डिप्टी कमिश्नर के पास भेज दिया है। सीएमओ से जारी हुए पत्र में डीसी को इस पर कार्रवाई करने को कहा गया है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 09:33 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 01:27 PM (IST)
CMO तक पहुंचा समाजसेवक तिवारी पर दर्ज पर्चे का मामला, अफसरों की मुश्किलें बढ़ी Jalandhar News
CMO तक पहुंचा समाजसेवक तिवारी पर दर्ज पर्चे का मामला, अफसरों की मुश्किलें बढ़ी Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। समाजसेवक सुशील तिवारी पर केस दर्ज करने के मामले में थाना तीन के एसएचओ इंस्पेक्टर रशमिंदर सिंह को लाइनहाजिर कर पुलिस कमिश्नरेट के अफसर अपनी खाल बचा रहे थे, लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।  

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तिवारी की शिकायत को अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने डिप्टी कमिश्नर के पास भेज दिया है। सीएमओ से जारी हुए पत्र में डीसी को इस पर कार्रवाई करने को कहा गया है। तिवारी ने पुलिस से परेशान होकर एक वीडियों में खुदकुशी करने की धमकी दी थी। यह मामला डीजीपी दिनकर गुप्ता तक पहुंचने से कमिश्नरेट अफसरों की नकारा कारगुजारी की गूंज चंडीगढ़ तक पहुंच चुकी है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय तक मामला पहुंचने के कारण इन अफसरों की चिंता और भी बढ़ गई है।

अधिकारी ने दी थी एसएचओ को वीडियो

सुशील तिवारी के पिता के पैसे लेते की वीडियो कार्रवाई के लिए एक पुलिस अधिकारी को भेजी गई थी। अधिकारी ने थाना तीन के एसएचओ रशमिंदर सिंह को जांच व कार्रवाई के लिए यह वीडियो भेज दी। एसएचओ ने जांच से पहले ही वीडियो आगे भेज दी, जो तुरंत सोशल मीडिया पर चलने लगी।

पुलिस ने तिवारी व उसके पिता पर केस दर्ज कर दिया। मामला दबा ही रहता, लेकिन सुशील तिवारी ने फेसबुक पर लाइव होकर पुलिस कमिश्नरेट से मजबूर होकर खुदकुशी की धमकी दे दी। यही नहीं, उसने डीजीपी को भी ट्वीट कर दिया कि उसके खिलाफ राजनीतिक दबाव में झूठा केस दर्ज किया गया है।

आइजी कुंवर विजय प्रताप से कराएं जांच

सुशील तिवारी ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में कहा कि वह एक मजदूर का बेटा है। पुलिस ने उसे राजनीतिक दबाव में फंसाया है। इस संबंध में पुलिस ने उसके खिलाफ थाना तीन में ब्लैकमेलिंग का पर्चा दर्ज कर लिया। तिवारी ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। पुलिस कमिश्नरेट में तैनात अफसरों की फौज पर सवाल खड़े करते हुए तिवारी ने इसकी जांच आइजी कुंवर विजय प्रताप से करवाने की मांग की ताकि इस मामले में शामिल पुलिस के अफसर भी बेनकाब हो सकें।

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