Move to Jagran APP

दर्द से तड़पती महिला की सिविल अस्पताल स्टाफ ने नहीं ली सुध, रेहड़ी पर दूसरी जगह ले जाना पड़ा

गरीब सुनीता को मोटरसाइकिल सवार ने टक्कर मार दी थी। उसे सिविल अस्पताल में जब किसी डॉक्टर ने नहीं देखा। एंबुलेंस के पैसे नहीं होने पर रेहड़ी पर दूसरी जगह ले जाना पड़ा।

By Edited By: Published: Wed, 08 May 2019 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 04:11 PM (IST)
दर्द से तड़पती महिला की सिविल अस्पताल स्टाफ ने नहीं ली सुध, रेहड़ी पर दूसरी जगह ले जाना पड़ा
दर्द से तड़पती महिला की सिविल अस्पताल स्टाफ ने नहीं ली सुध, रेहड़ी पर दूसरी जगह ले जाना पड़ा

जेएनएन, जालंधर। लगता है सेहत विभाग हेल्थ फॉर आल का अपना स्लोगन भूलने लगा है। इसी का एक उदाहरण बुधवार को सिविल अस्पताल में उस समय देखने को मिली जब गरीब महिला सड़क हादसे के बाद इलाज के लिए पूरे दिन सिविल अस्पताल में पड़ी रही। यही नहीं देर शाम उसका परिवार एंबूलेंस नहीं मिलने पर रेहड़े पर ही उसे डाल कर निजी डाक्टरों के पास भटकता रहा। ऐसा उस समय हुआ जब सेहत विभाग की ओर से सड़क हादसें में घायलों का मुफ्त इलाज करने की नीति है। इसके बावजूद सिविल अस्पताल में न तो उसकी किसी ने सुधबुध ली और न ही वहां से जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा दी गई।

loksabha election banner

आर्थिक रूप से कमजोर है मरीज का परिवार

मरीज के परिजनों की जेब में इतने पैसे नहीं थे कि वो निजी एंबुलेंस या फिर वाहन से उसे सिविल अस्पताल से ले जाएं। भगत सिंह कालोनी निवासी सुनीता (42) पत्नी सुरेश कुमार बुधवार सुबह नहर के पास मोटरसाइकिल के साथ टक्कर में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसके बेटे राजू ने बताया कि उनकी मां बेटी और पड़ोसन के साथ जरूरी काम से जा रही थीं। नहर के पास तेज रफ्तार से आ रहे मोटरसाइकल सवार ने टक्कर मार दी। हादसे में मां घायल हो गई और उसकी बहन तनु को हलकी चोटें आईं। मोटरसाइकल सवार उन्हें वहां से उठाकर सिविल अस्पताल में ले गया और वहां भर्ती करवा दिया।

दर्द से तड़पती रहीं सुनीता पर अस्पताल स्टाफ ने नहीं ली सुध

सिविल अस्पताल में उसकी मां पूरा दिन दर्द से तड़पती रही लेकिन स्टाफ से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद किसी ने उनकी सुध नहीं ली। अस्पताल के स्टाफ के रवैये से तंग आकर शाम को उसने अपनी मां को वहां से ले जाने का फैसला किया। उसके पिता मजदूरी करते हैं और जेब में पैसे न होने पर कोई एंबुलेंस वाला भी उन्हें ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ तो वह रेहड़े पर ही मां को डालकर पहले भगत सिंह कालोनी स्थित निजी क्लीनिक पर लेकर आए। वहां पर डॉक्टर ने उनकी हालत देख उनको अस्पताल में दाखिल करवाने की सलाह दी। इसके बाद वह रेहड़े पर ही उन्हें डाल कर श्री देवी तलाब मंदिर चैरिटेबल अस्पताल में ले गए जहां उन्हें दाखिल करवा इलाज शुरू करवाया।

एमएस बोली, मामले की जांच करवाऊंगी

सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. जसमीत कौर बावा ने बताया कि सुबह के समय अस्पताल में पूरा स्टाफ मौजूद था। इलाज की सुविधा न मिलने की बात स्वीकार नहीं की जा सकती है। इसके बावजूद वह मामले की जांच करवाएंगी।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.