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टोइंग कंपनी पर पुलिस मेहरबान, टेंडर की जगह कागजों में मंजूरी दे उठवा रहे गाड़ियां

जालंधर में रांग पार्क वाहनों को टो करने वाली कंपनी का दो साल का टेंडर गत 31 दिसंबर को खत्म हो चुका है। नया टेंडर लगाने की जगह अफसर कागजों में कंपनी को एक्सटेंशन देते जा रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 01:14 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 01:14 PM (IST)
टोइंग कंपनी पर पुलिस मेहरबान, टेंडर की जगह कागजों में मंजूरी दे उठवा रहे गाड़ियां
टोइंग कंपनी पर पुलिस मेहरबान, टेंडर की जगह कागजों में मंजूरी दे उठवा रहे गाड़ियां

जालंधर [मनीष शर्मा]। रॉन्ग पार्किंग में खड़ी गाड़ी उठाने के बदले सरकारी जुर्माने से डबल कमाई करने वाली टोइंग कंपनी पर पुलिस अफसर खूब मेहरबान हैं। कंपनी का दो साल का टेंडर गत 31 दिसंबर को खत्म हो चुका है। इसके बावजूद नया टेंडर लगाने की जगह अफसर कागजों में इसे एक्सटेंशन देते जा रहे हैं, टोइंग कंपनी पुलिस अफसरों की मदद से खूब मुनाफा कूट रही है। खास बात यह है कि शहर में चल रही चार टोइंग वैन में ट्रैफिक पुलिस के भी एक-एक कर्मचारी की तैनाती भी की गई है। साल के आखिर में टेंडर खत्म होने पर एक दिन टोइंग का काम बंद भी रहा, लेकिन उसके बाद कागजों में टेंडर को बढ़ा-बढ़ाकर अफसरों ने टोइंग का काम जारी रखा हुआ है।
 

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जुर्माने से मिले 92 लाख, कंपनी कमा गई 1.80 करोड़

शहर में रॉन्ग पार्किंग में खड़ी गाड़ी उठाने के बदले हुई कमाई को देखें तो पुलिस के जरिए सरकार को दो साल में जुर्माने में लगभग 92 लाख रुपये मिले हैं, जबकि टोइंग कंपनी 1.80 करोड़ रुपये कमा गई। असल में रॉन्ग पार्किंग का जुर्माना जहां सिर्फ 300 रुपये है, वहीं टोइंग कंपनी के चार्जेस 649 रुपये हैं। ऐसे में टोइंग कंपनी की अच्छी कमाई हो रही है। यही वजह है कि अभी तक टेंडर लगाने के मामले में अफसरों ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई है।
 

12 घंटे में उठाते हैं सिर्फ 40 कारें

शहर में सभी प्रमुख जगहों पर रॉन्ग पार्किंग देखी जा सकती है। इसके बावजूद टोइंग कितनी असरदार है, इसकी गवाही आंकड़े ही दे रहे हैं। यह टोइंग वैन ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी के साथ ही शुरू होती है। सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक टोइंग वैन चलती है। इस दौरान दो साल में उठाई कुल 30,416 कारों के हिसाब से देखें तो पता चलता है कि एक दिन के 12 घंटे में टोइंग कंपनी सिर्फ 40 कारें ही टो कर पाती है।
 

पुलिस लाइन के आसपास ही टोइंग

पुलिस की टोइंग स्कीम का कड़वा सच यह भी है कि रॉन्ग पार्किंग के चलते जितनी भी कारें उठाई गई हैं, उनमें ज्यादातर पुलिस लाइन के आसपास की ही हैं। बता दें कि रॉन्ग पार्किंग से उठाई गाडिय़ों को पुलिस लाइन में खड़ा किया जाता है, इसलिए ज्यादा तेल खर्च न हो, इसके लिए ज्यादातर इसके आसपास से ही गाड़ियां टो की जाती हैं।
 

टोइंग वैन के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया सीनियर अफसरों के स्तर पर जारी है। तब तक इसे एक्सटेंशन देकर चला रहे हैं। जल्द ही टेंडर लगा दिया जाएगा।

-एएसआइ मनजीत सिंह, टोइंग इंचार्ज, ट्रैफिक पुलिस।


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