कैप्टन ने पाक के सिख परिवारों से कहा भारत आ जाओ, हरसिमरत ने इमरान खान पर साधा निशाना
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान में रह रहे सिख परिवारों को भारत आ जाने का ऑफर दिया है। कैप्टन व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पाक पीएम इमरान खान पर हमला किया।
जालंधर, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर जमकर हमले किए। दोनों नेताओं ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री वहां रह रहे सिखों को सुरक्षा देने के मामले में असफल रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर ने पाकिस्तान में रह रहे सिख परिवारों को ऑफर दिया कि वे भारत आ जाएं। यहां सरकार उनकी पूरी मदद करेगी।
कैप्टन व हरसिमरत ने कहा, इमरान सरकार धर्मांतरण का शिकार हुई सिख युवती की मदद नहीं कर पाई
दोनों नेताओं ने कहा कि इमरान सरकार अगवा हुई सिख लड़की जगजीत कौर को उसके घर वालों के सुपुर्द करने में विफल रही है। उसका जबरन धर्मांतरण करवा कर निकाह करवा दिया गया और वहां की सरकार ने कुछ नहीं किया। कैप्टन ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार जगजीत कौर की मदद नहीं कर पाई है। पीडि़त सिख परिवार चाहे तो पंजाब (भारत) में आकर बस जाए। सरकार उनकी पूरी मदद करेगी।
बोले-पीडि़त सिख परिवार चाहे तो भारत में आकर बस जाए, सरकार पूरी मदद करेगी
इसी बीच केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर इस मामले को पाकिस्तान के समक्ष उठाने की मांग की। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि धर्म किसी का भी निजी मामला है और इच्छा के खिलाफ धर्म परिवर्तन करवाना शर्मनाक है।
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उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा बनाए गए मानवीय अधिकारों का सरेआम उल्लंघन है। यह विश्व के सभी देशों पर लागू होते हैं, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है। इस घटना ने विश्वभर में सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं को आहत किया है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय को प्रताडि़त किया जा रहा है। हिंदू और सिख लड़कियों का अपहरण और उसके बाद धर्म परिवर्तन करवा जबरन निकाह पाकिस्तान में आम बात हो गई है।
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उन्होंने कहा कि यही वजह है कि पाकिस्तान में विभाजन के समय ढाई लाख सिख परिवार थे, जिनमें से सात हजार परिवार पाकिस्तान को छोड़ चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने विदेश मंत्रालय से कहा कि वह पाकिस्तान को पीडि़त परिवार को हर संभव सहायता सुनिश्चित करने के लिए आगाह करें। उन्होंने यह भी लिखा है कि इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भी उठाया जाएगा।
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