कैंट बोर्ड की आर्थिक हालत सुधारने में जुटे नए सीईओ, हर साल 75 हजार में जाने वाला ठेका 5.30 लाख में उठा Jalandhar News
अब तक विज्ञापन के लिए 16 होर्डिंग्स बोर्ड का ठेका मात्र 75000 रुपये प्रतिमाह पर प्रतिमाह दिया जाता था। इस बार ऑनलाइन ठेका 530000 प्रति माह पर गया है।
जालंधर छावनी, जेएनएन। आर्थिक तंगी से जूझ रहे कैंट बोर्ड की आर्थिक दशा को पटरी पर लाने के लिए बोर्ड के नए सीईओ ज्योति कुमार भरसक प्रयास कर रहे हैं। वे बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए भी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। नए सीईओ ने हर साल ठेके पर दिए जाने वाले होर्डिंग्स का ठेका ऑनलाइन पहले की अपेक्षा 7 गुना अधिक दाम पर तय किया है, जो एक मिसाल है।
काफी अरसे से मिलीभगत के चलते विभिन्न कंपनियों के विज्ञापन के लिए 16 होर्डिंग्स बोर्ड का ठेका मात्र 75,000 रुपये प्रतिमाह पर प्रतिमाह दिया जाता था, लेकिन इस बार ऑनलाइन ठेका 5,30,000 प्रतिमाह पर गया है। इतना दाम मिलने पर कैंट बोर्ड के तमाम अधिकारियों और पार्षदों ने दांतों तले उंगली दबा ली है। पहले जहां कैंट बोर्ड को एक साल में होर्डिंग्स से नौ लाख रुपये की आमदनी होती थी, वह आज 66 लाख रुपये तक पहुंच गई है। इसी तरह बाहर स्थित 16 बोर्डों का ठेका प्रतिमाह 90 हजार रुपये का था, जो अब ऑनलाइन ढाई लाख रुपये में उठा है।
बोर्ड को मालामाल करने रास्ता ढूंढ़ रहे ज्योति
सूत्र बताते हैं कि नए सीईओ ज्योति कुमार ऐसे रास्ते तलाश रहे हैं जिनसे कैंट बोर्ड को अमीर किया जाए। गौरतलब है कि वर्तमान में कैंट बोर्ड के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं है। नए सीईओ ज्योति कुमार ने तीन दिन पहले चुंगी समाप्ति के बाद जीएसटी की राशि से कैंट बोर्ड को मिलने वाले हिस्से के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल से भी गुहार लगाई थी। इस पर वित्त मंत्री ने कहा है कि जल्द कैंट बोर्ड को उसका बनता हक अवश्य दिलाएंगे।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप