अधिकारियों के दिलों में संवेदनाओं का प्रकाश नहीं कर पाईं मोमबत्तियां
दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया कांड के बाद पूरे देश के साथ जालंधर की सड़कों पर भी हाथों में मोमबत्ती लेकर संवेदना जताने लोग उमड़ पड़े थे, लेकिन मोमबत्तियों का ये प्रकाश अधिकारियों के दिलों में संवेदनाओं का प्रकाश नहीं कर सकीं।
सत्येन ओझा, जालंधर
दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया कांड के बाद पूरे देश के साथ जालंधर की सड़कों पर भी हाथों में मोमबत्ती लेकर संवेदना जताने लोग उमड़ पड़े थे, लेकिन मोमबत्तियों का ये प्रकाश अधिकारियों के दिलों में संवेदनाओं का प्रकाश नहीं कर सकीं। इस कांड के बाद केंद्र सरकार ने 'सखी वन स्टॉप' सेंटर बनाने के लिए लगभग सवा पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि एक साल पहले जालंधर को जारी की थी। इस राशि से सिविल अस्पताल में प्रस्तावित सेंटर में रेप पीड़ितों को निशुल्क मेडिकल एड, लीगल एड के साथ ही काउंस¨लग की जानी थी, ताकि पीड़िता को हर सहायता देकर उसे हादसे से उबारा जा सके। सेंटर महिला एवं बाल विकास विकास को बनाना है।
जिला विकास एवं मानिटरिंग कमेटी की सांसद संतोख चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये मुद्दा उठने के बाद मंगलवार को असिस्टेंट कलेक्टर (ट्रेनी) हिमांशु जैन ने सिविल अस्पताल में प्रस्तावित सेंटर की जगह का मौका मुआयना किया। उन्होंने हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के एक्सईएन को मौके पर ही बुलाकर सेंटर के निर्माण की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। इस मौके पर उनके साथ चाइल्ड हेल्पलाइन के आर्गेनाइजर सु¨रदर सैनी भी मौजूद थे। असिस्टेंट कलेक्टर ने हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के एक्सईएन को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में अब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, वे खुद प्रतिदिन की प्रगति की जानकारी लेंगे। डीसी व¨रदर कुमार शर्मा ने सोमवार को बैठक के दौरान ही सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए थे कि अधूरे पड़े विकास कार्यों व विभागों में चे¨कग के अधिकार उन्होंने ट्रेनी आईएएस अधिकारी हिमांशु जैन को दिए हैं वे किसी भी विभाग में आकर स्थिति का जायजा ले सकते हैं। आवास बसाने में निगम फिसड्डी
मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह की महत्वाकांक्षी शहरी आवासीय योजना में जहां ग्रामीण क्षेत्र में अब तक 267 लोगों को मकान बनाने के लिए पहली दो किश्तों के रूप में 1 करोड़ 86 लाख रुपये की जारी कर चुका है, वहीं नगर निगम इस योजना में बुरी तरह पिछड़ गया है। नगर निगम के पास योजना का लाभ लेने के लिए 15926 आवेदन मिले थे। इनमें से वेरीफिकेशन के बाद निगम ने 3924 लोगों का चयन किया था, तकनीकी कारणों के चलते बाद अंतिम रूप से लाभार्थियों की संख्या 1320 बची है, उन्हें भी अभी तक निगम फूटी कौड़ी जारी नहीं कर सका है। लाभार्थियों को शहरी क्षेत्र में 1.30 हजार रुपये, ग्रामीण क्षेत्र में 1.20 लाख रुपये किश्तों में दिए जाने हैं। इस बात का खुलासा भी विकास कमेटी की बैठक में हुआ था।