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जालंधर में 'आप' ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर आतंकी हमलों के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला

जालंधर में आप ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का शिकार बने नागरिकों को कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने निंदा करते हुए मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से कश्मीरी पंडितों और सिखों सहित घाटी में अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा की मांग की।

By Vinay KumarEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 09:34 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 09:34 AM (IST)
जालंधर में 'आप' ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर आतंकी हमलों के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला
जालंधर में आप के सदस्य कैंडल मार्च निकालते हुए।

जागरण संवाददाता, जालंधर। जालंधर में आम आदमी पार्टी (आप) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का शिकार बने नागरिकों को कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी। पंजाब महिला प्रधान राजविंदर कौर तथा ओलंपियन सुरिंदर सिंह सोढी हलका इंचार्ज जालंधर कैंट ने अल्पसंख्यक समुदाय की लक्षित (टारगेटिड) हत्याओं की निंदा करते हुए मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से कश्मीरी पंडितों और सिखों सहित घाटी में अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा की मांग की। उन्होंने हाल के दिनों में हुई आतंकी गतिविधियों को गंभीर चिंता का विषय बताया।

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डा. शिव दयाल माली प्रवक्ता, आएएस बग्गा तथा जोगिंदर पाल शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार को मामले को गंभीरता से लेकर अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने सरकार से घाटी में रहने वालों की संपत्तियों की रक्षा करने के साथ-साथ आतंकी हमलों के मद्देनजर कश्मीर छोड़ चुके लोगों की संपत्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की भी मांग की। इंदर वंश सिंह चड्डा, हरचरण सिंह संधू और रत्न सिंह ककड़कला ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार के अनुच्छेद-370 को खत्म कर घाटी में शांति बनााने और आतंकवाद पर लगाम लगाने समेत नोटबंदी का दावा झूठा और खोखला निकला है। इस मौके पर सुभाष शर्मा,हरद्वारी लाल, आई एस बग्गा, संजीव भगत, वरुण सज्जन, बलवंत भाटिया,जसकरण, प्रमप्रीत, कीमती केसर,सोनू भगत, नितिन हांडा, सुभाष भगत, रमन कुमार बंटी वार्ड प्रधान 43, बिशन लाल आदि उपस्थित थे।

एनएएस की प्लानिंग में अब निजी व एडिड स्कूल भी जुड़ेंगे

जालंधर के सरकारी स्कूलों में सितंबर की परीक्षाओं के बाद अब शिक्षा विभाग का पूरा फोकस नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) की परीक्षा पर केंद्रित हो गया। उसे लेकर वरिष्ठ अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारियों से लेकर स्कूल हेड्स की जिम्मेदारियां तय की गई है। अचीवमेंट सर्वे की परीक्षा से कोई विद्यार्थी वंचित न रहे इसके लिए प्लानिंग पर जोर दिया जा रहा है। साप्ताहिक व मासिक मीटिंग्स के दौरान अध्यापकों के साथ-साथ शिक्षा अधिकारी, डायरेक्टोरेट के अधिकारी रिव्यू कर रहे हैं। अब से एनएएस को लेकर होने वाली प्लानिंग और विशेष मीटिंग्स में प्राइवेट, एडिड और सीबीएसइ स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा।


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