पंजाबियों का ब्रेकफास्ट 30 लाख रुपये महंगा, 5 रुपये बढ़े ब्रेड के दाम
त्र में ब्रेड को कच्चा फूड माना जाता है। जबकि, ब्रेड के बाद रोस्टर करके तैयार किए जाते रस को रेडी टू ईट फूड कहते है। यहां अहम बात यह है कि न तो रस के दामों में बढ़ोतरी हुई है व न ही अभी बिस्कुट के दाम बढ़ाए गए है।
शाम सहगल, जालंधर : पहले पेट्रो पदार्थो की बेतहाशा कीमतें और अब ब्रेकफास्ट के नाम पर रोजाना 30 लाख रुपये के करीब का अतिरिक्त बोझ पंजाबियों पर पड़ेगा। ब्रेड निर्माता निजी कंपनियों ने ब्रेड के दामों में 5 रुपये प्रति पैकेट का इजाफा कर दिया है। 200 ग्राम से 700 ग्राम तक की ब्रेड के दामों में पांच रुपये प्रति पैकेट बढ़ा दिए हैं। फ्यूल तथा मैदा के दामों में हुई बढ़ोतरी को जोड़ दिया जाए तो यह इजाफा महज पांच प्रतिशत तक ही बनता है। अगर केवल 200 ग्राम वाली ब्रेड की बात करें तो दामों में 50 प्रतिशत तक का इजाफा करते हुए इसके रेट 10 से बढ़ाकर 15 रुपये कर दिए हैं। इसी हिसाब से 400, 600 ग्राम तथा 700 ग्राम वाली ब्रेड के दामों में भी प्रति पैकेट 5 रुपये तक का ही इजाफा किया गया।
पंजाब में 23 अक्टूबर से विभिन्न ब्रेड निर्माता कंपनियों ने दामों में प्रति पैकेट 5 रुपये का इजाफा कर दिया है। हर वैरायटी तथा हर वजन की ब्रेड की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। इसके पीछे ब्रेड कंपनियों के संचालक कच्चे माल में तेजी को कारण बता रहे हैं। जबकि 'दैनिक जागरण' ने कच्चे माल के दामों का डाटा एकत्रित किया तो उस हिसाब से ब्रेड के दामों में 5 प्रतिशत तक का इजाफा करना बनता है। जबकि कंपनी द्वारा बढ़ाए दामों का औसत इससे कई गुणा अधिक है।
जिले में प्रतिदिन 50 हजार लोग खाते हैं ब्रेड
राज्य में बोर्न, किट्टी, सुपर, ब्रिटानिया तथा क्रिमिका सहित विभिन्न कंपनियों की ब्रेड की 6.5 लाख रुपये की रोजाना बिक्री होती है। जिले में ब्रेड बिक्री का यह आंकड़ा 50 हजार रुपये रोजाना है। इस हिसाब से पंजाबियों पर ब्रेकफास्ट के नाम पर 30 लाख से अधिक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वहीं, जिले के लोगों पर बोझ का आंकड़ा रोजाना अढ़ाई लाख रुपये है।
डीजल के दाम गिरे, मैदा महज एक रुपये प्रति किलो बढ़ा
बताया जा रहा है कि एक क्विंटल मैदा से औसत साढ़े तीन सौ ब्रेड तैयार होती है। इसी तरह एक क्विंटल मैदे की ब्रेड तैयार करने में 17 लीटर डीजल की खपत होती है। रेलवे स्टेशन के पास स्थित पंजाब की प्रसिद्ध होलसेल करियाना मार्केट मंडी फैंटनगंज में मैदे के थोक कारोबारी राजेश सोनी के मुताबिक 20 दिनों के भीतर मैदे के दामों में 100 रुपये प्रति क्विंटल तक का इजाफा हुआ है। खास बात यह है कि सप्ताह भर में डीजल के दाम 75.46 से 74.63 रुपये हुए हैं। जबकि, कंपनियां कच्चे माल में भारी इजाफा का तथ्य दे रही है।
कच्चे माल के दामों में बढ़ोतरी पर बढ़ाए दाम
किट्टी ब्रेड निर्माता कंपनी के जनरल मैनेजर सद्दीक बताते हैं कि ब्रेड तैयार करने के लिए इस्तेमाल होते कच्चे माल के दामों में इजाफे के चलते ही 5 रुपये की बढ़ोतरी करनी पड़ी है।
गेहूं की एमएसपी का भी असर
इस बारे में पंजाब बेकरी एसोसिएशन के प्रधान सुदेश विज बताते हैं कि केन्द्र सरकार द्वारा गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी के चलते कारोबारियों ने ब्रेड तैयार करने में इस्तेमाल होते सुपर मैदे के दामों में 200 रुपये तक इजाफा कर दिया है। इसी तरह एक वर्ष के भीतर डीजल के दामों में इजाफे के चलते ही रेट बढ़ाए गए।
दामों में बढ़ोतरी की अहम बात
बेकरी के क्षेत्र में ब्रेड को कच्चा फूड माना जाता है। जबकि, ब्रेड के बाद रोस्टर करके तैयार किए जाते रस को रेडी टू ईट फूड कहते हैं। यहां अहम बात यह है कि न तो रस के दामों में बढ़ोतरी हुई है व न ही बिस्कुट के दाम बढ़ाए गए।
खाद्य पदार्थों पर सरकार ने खोया नियंत्रण
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इस बारे में चरणजीतपुरा निवासी गृहणी गौरी महेंद्रू के अनुसार खाद्य पदार्थो के बढ़ रहे दामों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार इससे नियंत्रण खो चुकी है।
दाम निर्धारित करने के लिए बने कमेटी
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उपकार नगर निवासी उमा पुरी ने कहा कि खाद्य पदार्थो के दाम निर्धारित करने के लिए सरकार को अलग से कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। जिससे निजी कंपनियों की मनमानी पर लगाम लग सके।