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अमृतसर में सरकार के सुविधाएं देने के लगे बोर्ड, लोग बोले- पौने पांच साल में कुछ नहीं मिला, अब भी दिलासा ही मिलेगी

पंजाब की कांग्रेस सरकार में फेरबदल के बाद घोषणाओं की बाढ़ आई हुई है। अमृतसर में बड़े-बड़े बोर्ड सरकार की 50 दिन की उपलब्धियों के लगे हुए हैं। लोगों ने चुटकी लेते हुए कहा कि पौं पांच साल तक कुछ नहीं मिला अब भी दिलासा ही मिलेगी।

By Vinay KumarEdited By: Published: Wed, 10 Nov 2021 08:44 AM (IST)Updated: Wed, 10 Nov 2021 08:44 AM (IST)
अमृतसर में सरकार के सुविधाएं देने के लगे बोर्ड, लोग बोले- पौने पांच साल में कुछ नहीं मिला, अब भी दिलासा ही मिलेगी
अमृतसर में पंजाब सरकार के सुविधाएं देने के लगे बोर्ड।

अमृतसर [विपिन कुमार राणा]। भ्रम न पालें, दिलासा ही मिलेगी : पंजाब की कांग्रेस सरकार में फेरबदल के बाद घोषणाओं की बाढ़ आई हुई है। शहर में बड़े-बड़े बोर्ड सरकार की 50 दिन की उपलब्धियों के लगे हुए हैं और उन पर सियासी गलियारों में खूब चर्चा छिड़ी हुई है। हर कोई आशंकित है कि जो वादे किए जा रहे हैं, वह पूरे भी होंगे या फिर टाइम पास के लिए लोगों को लालीपाप ही दिया जा रहा है। पिछले दिनों शहर में एक दीवाली कार्यक्रम में सभी सियासी पार्टियों के प्रतिनिधि इकट्ठा हुए। वहां मौजूद लोगों ने उनसे पूछ ही लिया कि शहर में बड़े-बड़े बोर्ड लोगों को सुविधाएं देने के लगे हैं, ऐसे में क्या-क्या मिलेगा? तभी उनमें से एक ने चुटकी लेते हुए कहा कि पौने पांच साल में तो कुछ मिला नहीं, अब भी लोगों को दिलासा ही मिलेगी और लोगों को भी इसके लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसा न हो कि बाद में उन्हें पछतावा हो।

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रौंदू और हठी तो एक ही है

प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पिछले दिनों शहर आए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ताबड़तोड़ हमले किए। उन्हें रौंदू बच्चा कहने से भी परहेज नहीं किया। हालांकि बातों की मर्यादा लांघने के उन पर आरोप तो लगे, पर उन्होंने उसका ठीकरा भी कैप्टन के सिर ही फोड़ दिया। बोले कि कैप्टन भी उनके खिलाफ बोलते हुए कहां मर्यादा का पालन करते रहे हैं? जब सिद्धू ने उन्हें रौंदू बच्चा कहा तो उनके दाएं-बाएं ही खड़े लोगों में चर्चा छिड़ गई कि आखिर रौंदू बच्चा है कौन? सिद्धू तो कैप्टन को बोल रहे हैं, जबकि पिछले समय से कांग्रेस में जो हालात बने हुए हैं, उनके लिए तो एक ही रौंदू जिम्मेदार है, जो हर बार रूठ जाता है और अपना सियासी हठ मनाने के लिए वह अड़ा हुआ है। इससे किसी को भी पार्टी के नुकसान की चिंता नहीं है। उनका इशारा सिद्धू की तरफ ही था।

फजीहत होने से बच गई

हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू अमृतसर आए। उनके कार्यालय से संदेश जारी हुआ कि वह सुबह श्रीरामतलाई मंदिर के सुंदरीकरण प्रोजेक्ट का शुभारंभ करवाएंगे। उनकी टीम व नगर सुधार ट्रस्ट ने तैयारी भी शुरू कर दी। इसी बीच किसी ने सिद्धू के कान तक पहुंचाया कि यह प्रोजेक्ट तो मार्च में शुरू हो चुका है। अगर दोबारा काम शुरू करवाएंगे तो फजीहत होगी, क्योंकि पिछले दिनों न्यू अमृतसर में उनकी पत्नी ने भी एक कार्य शुरू करवाया था जबकि उसका पहले से वर्कआर्डर हो चुका था और काम चल रहा था। सिद्धू को इसका पता चला तो वह कार्यक्रम स्थल पर तो पहुंचे, मगर प्रोजेक्ट के शुभारंभ की जगह मुआयना करके लौट गए। वहां भी लोगों ने चुटकी लेने से परहेज नहीं किया। बोले, शुक्र है, साहब को पता था कि काम पहले से चल रहा है, नहीं तो यहां भी दूसरी बार कार्य शुरू हो जाता।

वफादारी तो कांग्रेस से ही निभाई

पिछले दिनों अपनी पार्टी बनाए जाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया। लंबा चौड़ा चिट्ठा पार्टी हाईकमान के नाम लिखते हुए उन्होंने उसमें बताया कि रेत व शराब माफिया में कई कांग्रेस मंत्री और विधायक शामिल हैं। कांग्रेस का अक्स खराब न हो, इसलिए मैं उनका नाम सार्वजनिक नहीं कर रहा। अब कैप्टन साहब के इस चिट्ठे पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। इस पर शहर के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इंटरनेट मीडिया पर चुटकी लेते हुए कहा कि कैप्टन साहब, आप हमेशा बात तो देश और पंजाब को बचाने की करते हो, पर इस इस्तीफे में आप ने कांग्रेसियों के नाम गुप्त रखकर वफादारी देश और पंजाब से नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी से ही निभाई है। यदि आप सच में देश व अपने पंजाब के प्रति वफादार हैैं तो उन सभी कांग्रेसियों के नाम सबके सामने लाकर अपने फर्ज को पूरा करें।


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