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COVID-19 संक्रमण से घटी Blood Donation की रफ्तार, गहरा सकता है खून का संकट

Coronavirus COVID-19 संक्रमण के खतरे के बीच सरकारी अस्पतालों के लिए रक्तदान की रफ्तार कम हो गई है। चिंता की बात यह है कि अगर कर्फ्यू लंबा चलता है तो यह संकट गहरा सकता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 07:03 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 08:21 AM (IST)
COVID-19 संक्रमण से घटी Blood Donation की रफ्तार, गहरा सकता है खून का संकट
COVID-19 संक्रमण से घटी Blood Donation की रफ्तार, गहरा सकता है खून का संकट

जेएनएन, जालंधर। Coronavirus COVID-19 संक्रमण के खतरे के बीच सरकारी अस्पतालों के लिए रक्तदान की रफ्तार कम हो गई है। इसके बावजूद राहत की बात यह है कि ज्यादातर अस्पतालों के पास पर्याप्त रक्त है। इसका बड़ा कारण यह है कि सड़कों पर वाहन न चलने के कारण दुर्घटनाओं में भारी कमी आई है। इमरजेंसी में पहुंचने वाले गंभीर घायलों की संख्या भी काफी घट गई है, इसलिए रक्त की जरूरत कम पड़ रही है।

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अस्पतालों में सामान्य ऑपरेशन भी टाल दिए गए हैं। थैलीसिमिया से पीड़ित बच्चों को जरूर दिक्कत आ रही है। एबी निगेटिव व ओ निगेटिव ब्लड ग्रुप में कमी आई है। अस्पतालों में पहले की तुलना में रक्त की मांग 50 से 65 फीसद तक कम हो गई है। जिन अस्पतालों में पहले एक दिन में औसत 20 यूनिट रक्त की खपत एक दिन में होती थी, वहां अब छह से सात यूनिट ब्लड की ही मांग है। अब चिंता की बात यह है कि अगर कर्फ्यू लंबा चलता है, तो यह संकट गहरा सकता है। क्योंकि इस रक्त को 35 दिन तक ही रखा जा सकता है। इसके बाद इसे नष्ट करना पड़ेगा। हालांकि, प्लेटलेट्स की अवधि 42 दिन है।

अस्पताल पहुंच रहे कम रक्तदानी

जिन जिलों में स्थिति सामान्य है, वहां ब्लड बैंकों ने रक्तदान करने वाली संस्थाओं से संपर्क बनाकर रखा है। शिविर नहीं लग रहे हैं, लेकिन रक्तदानी बीच-बीच में आकर रक्तदान कर रहे हैं। जिन जिलों में ब्लड की कमी सामने आई है, वहां रक्तदान शिविर नहीं लगे हैं।

यहां है कमी

जिला          मौजूद ब्लड (यूनिट में)

पठानकोट       20

रूपनगर          103

बठिंडा           130

अमृतसर        210

फतेहगढ़ साहिब 15

घट रहा ब्लड स्टॉक

  • संगरूर: हर माह 500-600 यूनिट रक्त एकत्रित होता था। कफ्र्यू के बाद मात्र 30-40 यूनिट ही मिला। पुराना स्टॉक पड़ा है। रक्त की मांग भी कम है। फिलहाल दिक्तत नहीं है।
  • बरनाला: 146 यूनिट रिजर्व। कफ्र्यू से पहले 354 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया था। कफ्र्यू से पहले रोज 15 यूनिट की खपत होती थी, लेकिन अब इसकी संख्या दो से तीन रह गई है। एबी निगटिव का मात्र एक यूनिट बचा है।
  • फतेहगढ़ साहिब: 12-15 यूनिट ही बचा है। रोज एक से दो की जरूरत पड़ती है। सभी ग्रुप की एक-दो यूनिट जरूर पड़ी है। रूटीन में इसकी रिप्लेसमेंट की जा रही है। 23 मार्च को भगत सिंह के शहीदी दिवस पर हर साल पंजाब में हजारों यूनिट ब्लड कैंप में इस बार एक भी यूनिट रक्त जमा नहीं हुआ।
  • बठिंडा: ब्लड बैंक में 130 यूनिट खून उपलब्ध है। कफ्र्यू से पहले 350 यूनिट स्टॉक होता था। रोजाना डिमांड 150 यूनिट थी। अब 70 यूनिट है।
  • फिरोजपुर: ब्लड बैंक में 35 यूनिट उपलब्ध हैं। पहले 40 यूनिट होता था और रोजाना डिमांड दो यूनिट थी। अब दो यूनिट रह गई है।
  • मानसा: 150 यूनिट ब्लड उपलब्ध है। पहले रोज 10 यूनिट की मांग थी, जो अब दो यूनिट रह गई है।
  • मुक्तसर: 100 यूनिट स्टॉक है। पहले 250 यूनिट होता था और रोजाना मांग 20 यूनिट थी, जो तीन यूनिट पहुंच गई है।
  • फरीदकोट: यहां 75 यूनिट ब्लड स्टॉक है। पहले 100 यूनिट होता था और रोजाना मांग 20 यूनिट थी। अब कम होकर चार यूनिट रह गई है।
  • फाजिल्का: यहां पहले 150 यूनिट ब्लड स्टॉक होता था, जो अब 63 यूनिट रह गया है। मांग 25 यूनिट से 17 यूनिट रह गई है।

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