हरियाणा के ध्यानार्थ.. गुलाब देवी अस्पताल ब्लड बैंक का लाइसेंस रद
:लाल खून का काला खेल: -कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने पर हुई कार्रवाई -4 अगस्त को ब्लड
:लाल खून का काला खेल:
-कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने पर हुई कार्रवाई
-4 अगस्त को ब्लड बैंक में गड़बड़ी किए जाने का हुआ था खुलासा
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जागरण संवाददाता, जालंधर : गुलाब देवी अस्पताल में रक्तवाहिनी इंडिया की ओर से संचालित ब्लड बैंक में खून के काले कारोबार का पर्दाफाश होने के बाद सेहत विभाग को कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने पर विभाग ने ब्लड बैंक का लाइसेंस रद कर दिया है। दूसरी ओर, रक्तवाहिनी इंडिया के प्रमुख डॉ. आईजी अग्रवाल ने ट्रस्ट के पदाधिकारियों से बैठक कर अपना पक्ष रखने की बात कही है।
सेहत विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर (ड्रग) प्रदीप मट्टू का कहना है कि 4 अगस्त को जोनल लाइसेंसिग अथारिटी करुण सचदेव की अगुवाई में तीन ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम ने ब्लड एसोसिएशनों की शिकायत के आधार पर छापामारी की थी। इस दौरान उन्हें नियमानुसार ब्लड की स्क्री¨नग व रिकार्ड नहीं प्राप्त हुआ था। मौके पर 24 ब्लड यूनिट्स निर्धारित तापमान पर भी नहीं रखे गए थे। वहीं एक-एक सीरियल नंबर पर दो-दो, तीन-तीन ब्लड बैग जारी किए गए थे। ब्लड बैंक में तमाम खामियां पाए जाने के बाद विभाग ने तुरंत प्रभाव से ब्लड बैंक की सेवाएं बंद कर दी थी। इसके साथ ही ब्लड बैंक प्रबंधन को 13 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस की अवधि खत्म होने के बाद जवाब देने के लिए सूचना भी भेजी परंतु प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
प्रदीप मट्टू ने बताया कि ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट 1945 के आधार पर रक्तवाहिनी इंडिया द्वारा संचालित उक्त ब्लड बैंक (नंबर 1928-बी जिसकी वैधता 3 अगस्त 2021 तक है) को रद करने के आदेश जारी किए गए हैं। लाइसेंस रद होने के बाद ब्लड बैंक में किसी भी तरह के ब्लड का लेनदेन नहीं किया जा सकेगा और न ब्लड के कोई कांपोनेंट तैयार किए जाएंगे। ब्लड यूनिट नंबर एंट्री
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ट्रस्ट की बैठक कर लेंगे अगला फैसला
गुलाब देवी अस्पताल ब्लड बैंक संचालित करने वाली रक्तवाहिनी संस्था के संचालक डॉ. आईजी अग्रवाल का कहना है कि ब्लड बैंक का लाइसेंस रद होने के बारे में उन्हें कोई सूचना नहीं मिली है। ब्लड बैंक आगे चलाना है या नहीं इसका फैसला अस्पताल ट्रस्ट की बैठक में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक सील था और स्टाफ पुलिस हिरासत में था, ऐसे में कारण बताओ नोटिस का जवाब देना संभव नहीं था। न्याय के मंदिर पर पूरा विश्वास
¨हदुस्तान ब्लड एसोसिएशन के प्रमुख विनित पुरी ने बताया सेहत विभाग ने पूरा न्याय किया है। उन्होंने मामला हाईकोर्ट में लगा दिया है। उनका मुख्य लक्ष्य आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करवाना है ताकि भविष्य में खून को लेकर कोई हेराफेरी न कर सके। यह था मामला
बता दें चार अगस्त को स्कैंडल का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद सेहत विभाग ने ब्लड बैंक का रिकॉर्ड सील कर इसकी सेवाएं बंद करने के आदेश जारी किए थे। वहीं पुलिस ने अस्पताल के बीटीओ डॉ. हरजीत ¨सह सहित टेक्निकल सुपरवाइजर भू¨पदर ¨सह, टेक्नीशियन वेद प्रकाश, दिनेश कुमार व बबलू को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही सेहत विभाग ने ब्लड बैंक से 44 खून के यूनिट सील की थी। इसके अलावा तीन ब्लड के यूनिट सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में मरीजों ने रखवाए थे जिन्हें जांच में शामिल कर लिया था। इनमें से 20 फीसदी ब्लड के सैंपलों की जांच की गई थी, तकनीकी रूप से खून ठीक है परंतु विभाग को रिकार्ड में खामियां मिली थी। ब्लड बैंक से एक-एक नंबर पर 3 से 4 ब्लड के यूनिट तैयार किए जा रहे थे।