Move to Jagran APP

आलू पर मंडराया बड़ा खतरा, ये रोग फैला तो जालंधर के उत्पादकों का होगा बड़ा नुकसान

जनवरी में बारिश और कोहरे के कारण अब आलू पर झुलसा रोग का खतरा मंडराने लगा है। इसे लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 04:40 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 08:49 AM (IST)
आलू पर मंडराया बड़ा खतरा, ये रोग फैला तो जालंधर के उत्पादकों का होगा बड़ा नुकसान
आलू पर मंडराया बड़ा खतरा, ये रोग फैला तो जालंधर के उत्पादकों का होगा बड़ा नुकसान

जालंधर [जगदीश कुमार]। दिसंबर में तीन चार दिन लगातार बारिश के कारण भले ही खेत में लगे आलू खराब होने का खतरा टल गया है लेकिन जनवरी में बारिश और कोहरे के कारण अब आलू पर झुलसा रोग का खतरा मंडराने लगा है। इसे लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं। मौसम विभाग की ओर से अगले सप्ताह बारिश होने की भविष्यवाणी के मद्देनजर किसानों ने भी खेत से पानी निकालने की रणनीति तैयार कर ली है। बारिश गेंहू की फसल के लिए भी नुसानदायक होगी। वैसे भी पिछले पांच वर्ष से आर्थिक संकट में फंसे किसानों ने आलू से मुंह मोड़ लिया। नतीजतन, इस साल पंजाब मे आलू के रकबे में करीब 7 फीसद गिरावट आई है।

loksabha election banner

पंजाब बागवानी विभाग जालंधर के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. नरेश कुमार ने बताया कि झुलसा रोग के आने पर पत्तों के किनारों पर पानी से भरे धब्बे बन जाते हैं जोकि बाद में काले पड़ जाते हैं। इसके बाद पत्तों के निचली तरफ सुबह सफेद फफूंद भी नजर आती है। यदि समय पर इसकी रोकथाम न की गई तो आलू पर भूरे रंग के निशान पड़ जाते हैं। आलू पुटाई से पहले ही जमीन में गल जाते हैं। ऐसे में फसल पर रिडोमिल गोल्ड या करजेट एम-8 या फिर सेक्टिन 60 डब्ल्यूजी 700 ग्राम या एकुएशन प्रो. 200 मिलीलीटर या 250 एमएल रीवस प्रति एकड़़ के हिसाब से 10 दिन के अंतराल में कम से कम दो बार स्प्रे करने चाहिए। इसके बाद इंडोफिल एम-15,  एंटराकोल, कवच 700 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से इस्तेमाल करना चाहिए। बारिश होने की सूरत में पानी जरूरत अनुसार ही लगाना अच्छा रहता है।

पांच साल से नुकसान झेल रहे हैं आलू किसान

गांव रहीमपुर के किसान सौदागर सिंह का कहना है कि पिछले पांच साल से आलू की फसल से किसानों को भारी भरकम नुकसान हुआ है। किसान को फसल की लागत से भी कम दाम मिले और आलू सड़कों पर फेंकने पड़े। इस साल किसानों ने आलू के बजाय दूसरी फसलों को तव्वजो देनी शुरू कर दी है। पहले वह 80 खेतों में आलू की खेती करते थे। आलू की खेती में नुकसान के बाद इस बार 30 खेतों में ही आलू की खेती की है। अगर अगले सप्ताह बारिश होती है आलू और गेंहू की फसल को भारी नुकसान होगा। झुलसा रोग से आलू को बचाने के लिए दवाइयों का छिड़काव शुरू करवा दिया है। खेतों से बारिश का पानी निकालने के लिए भी व्यवस्था करवाई जा रही है। इसकी वजह से किसानों का फसल पर खर्च बढ़ जाएगा।

सबसे बड़ा आलू उत्पादक प्रदेश है पंजाब

डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि पंजाब आलू उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा राज्य है। वर्ष 2015-16 में 92359 हेक्टेयर में लगभग 22,62,404 टन आलू का उत्पादन हुआ था। 2016-17 में 97 हजार हेक्टेयर और 2018-19 में 1.03 लाख हेक्टेयर में आलू की फसल  बिजाई की गई थी और 27 लाख मीट्रिक टन आलू की पैदावार हुई थी। साल 2019-20 में 95790 हेक्टेयर में आलू की खेती हुई और 23 से 25 लाख मीट्रिक टन पैदावार होने की संभावना है।

सबसे ज्यादा कुफरी पुखराज आलू की खेती

राज्य में आलू की खेती में सबसे 50- 60 फीसद रकबे में कुफरी पुखराज किस्म की खेती होती है। कुफरी ज्योति 30, चिपसोना 3, चंद्रमुखी 6 फीसद रकबे में खेती हो रही है।

जालंधर में आलू का रकबा सबसे ज्यादा, पठानकोट में सबसे कम

जिला                 रकबा (हेक्टेयर)

जालंधर              22 हजार

होशियारपुर         12,612

लुधियाना           10,016 

कपूरथला           9,256

होशियारपुर         12612

अमृतसर            6,786

मोगा                6,175

बठिंडा               5,468

फतेहगढ़ साहिब  4,483

पटियाला           4,313

एसबीएस नगर    2,415

तरनतारन           1,785

बरनाला             1,702

एसएएस नगर     1,220

रोपड़                  863

गुरदासपुर           704

संगरूर                630

फिरोजपुर            516

फरीदकोट            205

मुक्तसर              178

मानसा              152

फाजिल्का             72

पठानकोट             04 

15.49 लाख आलू भेजा जाता है अन्य राज्यों को

डाॅ. नरेश कुमार के अनुसार पंजाब में करीब 9.70 लाख मीट्रिक टन आलू की जरूरत है। इसमें 5.82 लाख टन की खाने और 3.88 लाख टन की बीज के लिए जरूरत पड़ती है। 15.49 लाख टन आलू दूसरे राज्यों में निर्यात किया जाता है। इनमें 9 लाख टन बीज व 6.49 लाख टन खाने वाला आलू शामिल है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.