रेशम की डोर से 'बंधे' परिवार ने सरकार से लगाई गुहार
सऊदी अरब में फंसे भोगपुर के गांव कराड़ी के 35 वर्षीय रेशम की डोर से बंधे परिवार ने सरकार से बेटे की सकुशल घर वापसी की गुहार लगाई है।
राजन मदान, भोगपुर
सऊदी अरब में फंसे भोगपुर के गांव कराड़ी के 35 वर्षीय रेशम की 'डोर' से बंधे परिवार ने सरकार से बेटे की सकुशल घर वापसी की गुहार लगाई है। रेशम लाल की मां बलबीर कौर और पत्नी सरबजीत कौर ने बताया कि रेशम ने फोन पर बताया था कि सऊदी अरब स्थित फैक्ट्री में न तो उन्हें पगार मिल रही है और न ही खाने के लिए खाना। मेडिकल सुविधाएं न मिलने से भी परेशानी बढ़ने लगी है। कई साथियों को तेज बुखार है और इलाज न होने से बीमारियों से भी जूझ रहे हैं। करीब 20000 युवक रियाद स्थित कंपनी जेएंडपी के रियाद, जंबो, जद्दा, कसीन शहरों में अलग-अलग स्थानों पर बंद हैं। कंपनी इन युवकों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें पैसा नहीं दे रही और वीजा की अवधि बढ़ा रही है। कैंपों में फंसे हुए युवकों के पास न तो पासपोर्ट है और न ही कंपनी का पताका। ऐसे में कैंपों के अंदर ही नरक सी ¨जदगी जीने को मजबूर हैं। कैंपों में साफ-सफाई न होने व डॉक्टरी सहायता न मिलने से परेशानी बढ़ने लगी है।
रेशम लाल के दो बच्चे जिसमें सात साल की बेटी नीतू व अढ़ाई साल का बेटा है। मां बलबीर कौर और पत्नी सरबजीत कौर ने बताया कि रेशम लाल वैसे तो 5 साल पहले सऊदी अरब गया था। तीन साल बाद एक बार छुट्टी लेकर आया और करीब दो साल पहले वापस गया। अब आठ महीनों से कंपनी वेतन नहीं दे रही और खाना भी समय पर नहीं मिल रहा। पीड़ित परिवार ने गुहार लगाई है कि उनके परिवार में रेशम ही कमाने वाला है जिससे घर चलता था, अब तो रोटी के भी लाले पड़ गए हैं।