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आज सजेगा भाई के माथे पर बहन के आशीष का तिलक, जानें जालंधर में कब है शुभ मुहूर्त

जालंधर में सोमवार को भैया दूज के मौके पर भाई के माथे पर बहन के आशीष का तिलक सजेगा। पर्व पर बहनों को गिफ्ट देने का भी चलन है। इसे लेकर रविवार को मौसम खराब होने के बाद भी शहर के बाजारों में खूब खरीदारी की गई।

By Edited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 10:55 AM (IST)
आज सजेगा भाई के माथे पर बहन के आशीष का तिलक, जानें जालंधर में कब है शुभ मुहूर्त
जालंधर में भैया दूज का शुभ मुहूर्त सोमवार को दोपहर 12.56 से 3.06 बजे तक रहेगा। (जागरण)

जालंधर [शाम सहगल]। दीवाली के एक दिन बाद सोमवार को शहर में भाई दूज उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। बहनें अपने भाइयों का तिलक करके उन्हें स्नेह के बंधन में बांधेंगी। इससे पहले रविवार को लोगों ने पर्व को लेकर खूब खरीदारी की। बहनों ने भाइयों और युवकों ने बहनों के लिए गिफ्ट पैक, मिठाई और बेकरी उत्पाद खरीदे। ड्राईफ्रूट्स की खरीदारी भी जमकर की गई। रविवार दोपहर बाद खराब मौसम के बावजूद बाजारों में लोगों की भीड़ रही। भैया दूज का शुभ मुहूर्त सोमवार को दोपहर 12.56 से 3.06 बजे तक रहेगा।

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शहर की बेकरी में उतारे गए खास प्रोडक्ट

भैया दूज पर आज भाई के माथे पर बहन के आशीष का तिलक सजेगा। पर्व पर बहनों को गिफ्ट देने का भी चलन है। बेकरी बाजार में भैया दूज को लेकर इस बार कई नए उत्पाद उतारे गए हैं। इनमें प्लम केक, ड्राईफ्रूट-फ्लेवर बिस्कुट खास हैं। मधुबन डीलक्स बेकरी एंड स्नैक्स, लाडोवाली रोड के राधे श्याम सेठ बताते हैं कि इन उत्पादों के दाम भी हर वर्ग की जेब के मुताबिक रखे गए हैं।

यमराज व यमुना पूजा का भी है महत्व

ज्योतिषाचार्य रामजी बताते हैं कि भगवान सूर्य नारायण व छाया के पुत्र यमराज व यमुना का आपस में बहुत स्नेह था। यमुना अक्सर यमराज को भोजन के लिए आमंत्रित करती थीं, लेकिन वह हर बार टाल देते। एक बार यमुना ने उन्हें आमंत्रित करके वचन ले लिया। यमराज ने सोचा कि मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता, लेकिन बहन यमुना ने मुझसे वचन ले लिया है। ऐसे में वह यमुना के घर पहुंचे और भोज के उपरांत बहन से वर मांगने को कहा। इस पर यमुना ने कार्तिक मास शुक्ल पक्ष के द्वितीय को हर वर्ष उसके घर आने का वचन ले लिया। तब से लेकर भैया दूज वाले दिन यमराज और यमुना का पूजन भी किया जाता है।

भैया दूज पर पूजन सामग्री

पूजा थाली, आटे का दीपक, रोली, केसर, बिना टूटे चावल, नारियल, बताशा, मिठाई, फल, सात पान व चंदन।

शुभ मुहूर्त - दोपहर 12.56 से 3.06 बजे तक।


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