धरती पर पाप का नाश करने के लिए अवतरित होते हैं भगवान : शास्त्री
भगवान श्रीराम ने मर्यादा का पालन करते हुए 14 वर्ष का बनवास भी सहज ही स्वीकार कर लिया था।
जागरण संवाददाता, जालंधर : राष्ट्रीय संत पंडित दीन दयाल शास्त्री महाराज ने कहा कि जब-जब धरती पर पाप का बोलबाला व धर्म का हनन हुआ है, भगवान ने इस धरा पर अवतरित होकर दुष्टों का नाश कर अध्यात्म की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों को विपदा में नहीं देख सकते। पं. शास्त्री विश्व मानव कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के सहयोग से राम हाल, श्री देवी तालाब मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया।
उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम ने मर्यादा का पालन करते हुए 14 वर्ष का बनवास भी सहज ही स्वीकार कर लिया था। इसी मर्यादा को जीवन में अपनाने की जरूरत है। इसके लिए अपने माता-पिता व बच्चों को समर्पित होकर धर्म का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथ व शास्त्र इंसान को इंसानियत का पाठ पढ़ाते हैं। इनका स्मरण किए जाने की जरूरत है। इसके उपरांत उन्होंने कई मनमोहक भजन पेश किए। संस्था की तरफ से पंडित दीनदयाल शास्त्री महाराज को सम्मानित किया गया। इस मौके पर संजीव शर्मा, सोनू गुप्ता, जनक राज, मोनू शर्मा, सौरभ शर्मा, निखिल कुमार, सूरज तिवारी आदि मौजूद थे।