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हम इच्छाओं का त्याग कर अपने स्वरूप को पहचान सकते हैं

मंदिर श्री राधा कृष्ण लोहारां मोहल्ला करतारपुर में श्रीमद्भगवद गीता की साप्ताहिक क्लास का आयोजन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 08:05 PM (IST)
हम इच्छाओं का त्याग कर अपने स्वरूप को पहचान सकते हैं
हम इच्छाओं का त्याग कर अपने स्वरूप को पहचान सकते हैं

संवाद सहयोगी, करतारपुर : मंदिर श्री राधा कृष्ण, लोहारां मोहल्ला करतारपुर में हरे कृष्ण प्रचार समिति की ओर से श्रीमद्भगवद गीता की साप्ताहिक क्लास का आयोजन हुआ।

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शुद्ध भक्त दीपक प्रभु जी ने आत्मा के ज्ञान के बारे बताया। उन्होंने कहा कि आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत, पुरातन है। आत्मा का न तो जन्म हुआ है और न ही होगा। न ही कोई इसे मार सकता है। आत्मा आदिकाल से है तथा अपनी इच्छा के कारण जन्म ले रही हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी इच्छाओं का त्याग कर अपने स्वरूप को पहचान सकते हैं। इस अवसर पर बालकृष्ण धीमान, कर्ण, अर्जुन, रंगादेवी माताजी, कमलावती देवी माताजी, नैना, मानसी, पवन माताजी, चांद रानी माताजी, पूनम, माया, कांता, रजनी, सुधा, जयश्री, अर्चना आदि मौजूद थे।


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