जालंधर में बीएड अध्यापक फ्रंट ने की मीटिंग, प्रधान रविंदर सिंह बोले- अध्यापकों को फ्रंट लाइन वारियर करें घोषित
जालंधर में बीएड अध्यापक फ्रंट पंजाब की जिला इकाई ने आनलाइन मीटिंग प्रधान रविंदर सिंह की अध्यक्षता में की। प्रधान रविंदर सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवाने वाले अध्यापकों के परिजनों को मुआवजा और परिवार से किसी को नौकरी दी जाए।
जांलधर, जेएनएन। जालंधर में बीएड अध्यापक फ्रंट पंजाब की जिला इकाई ने आनलाइन मीटिंग प्रधान रविंदर सिंह की अध्यक्षता में की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की इस घड़ी में अध्यापक भी फील्ड में अपनी डयूटी दे रहे हैं। अध्यापक रोजाना स्कूलों में जा रहे हैं और आनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। घर-घर में जाकर अध्यापकों ने सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवाया। कुछ अध्यापकों की कोरोना ड्यूटी भी लगी हुई है। स्कूलों में भले अध्यापकों की पहले से ही कमी है, फिर भी अध्यापक पढ़ाई के साथ-साथ गैर विद्यक ड्यूटियां भी दे रहे हैं। इसलिए पंजाब सरकार के सेहत, पुलिस कर्मचारियों की तरह अध्यापकों को भी फ्रंट लाइन वारियर घोषित किया जाए। कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवाने वाले अध्यापकों के परिजनों को मुआवजा और परिवार से किसी को नौकरी दी जाए। मीटिंग में बिछुड़े साथियों की आत्मिक शांति के लिए मौन भी रखा गया। उन्होंने अध्यापकों की मौत का जिम्मेदार सरकार और प्रशासन को बताया गया।
राज्य सरकार की तरफ से शनिवार और रविवार को पूर्ण तौर पर लाकडाउन घोषित किया गया है, जिसके सभी दफ्तरों को बंद रखने और घर से काम करने के निर्देश जारी किए हैं। मगर जालंधर सहित विभिन्न जिलों में शनिवार को भी स्कूल खोल कर सरकार के लाकडाउन की धज्जियां उड़वाई जा रही हैं। अगर स्कूल खोले जा सकते हैं तो फिर बाकी दफ्तर क्यूं नहीं, दफ्तर बंद हैं तो स्कूलों को खुला क्यूं रखा जा रहा है। अगर अध्यापक स्कूल जाने पर संक्रमित हो जाता है या उसकी मौत हो जाती है तो उसकी जिम्मेदार जिला प्रशासन, जिला शिक्षा अधिकारियों और शिक्षा सचिव पंजाब की होगी।
ब्लाक शआहकोट के प्रधान अमरप्रीत सिंह ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि स्कूलों का समय सुबह आठ से 11 बजे तक किया जाए, क्योंकि बच्चों को रोजाना काम आनलाइन भेजा व पढ़ाया जा रहा है। अधिकतर अध्यापक रोजाना 50 से 100 किलोमीटर दूर या अपने निजी साधनों के जरिये सफर तय करके स्कूलों तक पहुंचते हैं। शनिवार को सभी स्कूल बंद रखे जाएं। गोराया के प्रेमपाल सिंह ने कहा कि पवित्र गुटका साहिब जी की कसम खाकर सत्ता में आई कैप्टन सरकार पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करके अपना वादा पूरा करे। सचिव कमलजीत सिंह ने बकाया महंगाई भत्ता जारी करने, प्राइमरी से मास्टर काडर की तरक्कियां की जाए, प्रत्येक क्लस्टर स्तर पर एक क्लर्क, पीटीआइ टीचर और एसीटी टीचर के नई पद दिए जाएं। पंजाबी, अंग्रेजी मीडियम में किताबें स्कूलों तक पहुंचाई जाएं। मीटिंग में चंद्र शेखर, बलविंदर सिंह, वशिष्ट कुमार, रुपेश कुमार, मुनीष कुमार, हरविंदर सिंह, सिमरनजीत सिंह, अमृतपाल सिंह, कश्मीरी लाल, हरप्रीत सिंह, गौरव कुमार, अजय कुमार आदि थे।
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