बठिंडा में तीसरे दिन भी 108 एबुलेंस सेवा बंद, हड़ताल के कारण इमरजेंसी मरीजों को हुई भारी परेशानी
बठिंडा में 108 एंबुलेंस कर्मचारियों ने शुक्रवार को तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी। बठिंडा व मानसा जिले के कर्मचारियों ने सिविल अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक के बाहर धरना देकर पंजाब सरकार व ठेका लेने वाली कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जासं,बठिंडा। तीन महीने से वेतन नहीं मिलने और ओवरटाइम बंद करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे 108 एंबुलेंस कर्मचारियों ने शुक्रवार को तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी। बठिंडा व मानसा जिले के कर्मचारियों ने सिविल अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक के बाहर धरना देकर पंजाब सरकार व ठेका लेने वाली कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के बठिंडा शहरी से उम्मीदवार एडवोकेट जगरूप सिंह गिल के अलावा विभिन्न किसान व मजदूर संगठनों के नेता धरने में पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार व प्राइवेट कंपनी कर्मचारियों का शोषण कर रही है। इतनी महंगाई में महज आठ से 9 हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है, वहीं तीन माह से वेतन देकर कंपनी कर्मचारियों कर्जदार बनाने के लिए मजबूर कर रही है।
तीसरे दिन भी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आम लोगों को काफी परेशानी से जूझना पड़ा। खासकर डिलवरी व इमरजेंसी केसों में मरीजों को घरों से अस्पताल लेकर आने व छोड़ने का काम पूरी तरह से प्रभावित रहा। प्रदर्शनकारी मांगे पूरी होने तक आंदोलन जरी रखने पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शनकारी ठेकेदारी सिस्टम से निकालकर पंजाब सरकार के अधीन लाने की मांग कर रहे है। इस दौरान सिविल अस्पताल परिसर में जहां डेढ़ दर्जन एंबुलेंस में काम करने वाले 80 कर्मचारियों ने 108 नंबर पर आने वाली कोई भी कॉल रिसीव नहीं की वही किसी भी मरीज को अस्पताल से लेकर आ व लेकर जाने का काम नहीं किया। एंबुलेंस कर्मचारियों ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
108 एंबुलेंस यूनियन प्रधान परमिंदर सिंह, अमनदीप सिंह, सुखदीप सिंह, बलविंदर सिंह, गुरशरण सिंह, गुरप्रेम सिंह, गुरप्रीत सिंह व जगचानन सिंह ने बताया कि डायल 108 एंबुलेंस के पायलट और ईएमटी अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार से हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण जिले में हादसों, मारपीट में घायल, गर्भवती महिलाओं व बीमार मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा 108 एंबुलेंस सेवा प्रदान की गई है लेकिन अब हड़ताल के कारण उन्हें निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है।
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने बताया कि कर्मचारियों को ठेकेदारी सिस्टम के अधीन काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जिस कंपनी को ठेका दिया गया है, उनके द्वारा कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की जाती है। इसके विरोध में वह हड़ताल पर गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 108 एंबुलेंस में डी-फार्मेसी डिग्री के कर्मचारियों को भर्ती किया जाता है। लेकिन अब 108 में 12वीं पास लोगों को भी भर्ती किया जाने लगा है। ऐसे में मरीज की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है।