Vasant Panchami आज, 16 वर्ष बाद बन रहा सिद्धि व सर्वार्थसिद्धि संयोग, दिन भर शुभ मुहूर्त
पंडित प्रमोद शास्त्री के अनुसार सर्वार्थसिद्धि का संयोग बनने से आय में वृद्धि और शुभ कार्य करने का बेहतर अवसर है। 29 जनवरी को पूरा दिन मांगलिक कार्यों के लिए शुभ रहेगा।
जालंधर [शाम सहगल]। 29 जनवरी यानी वसंत पंचमी पर इस बार 16 वर्ष के बाद सिद्धि व सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। यानी पूरे दिन शुभ कार्य किए जा सकते हैं। खासकर विवाह के लिए वर्ष में यह सबसे बेहतर मुहूर्त है। इसके लिए समय निकलवाने की भी जरूरत नहीं है। वसंत पंचमी मां सरस्वती का अवतरण दिवस भी माना जाता है। इस कारण इस दिन की मान्यता बढ़ जाती है। श्री हरि दर्शन मंदिर अशोक नगर के मुख्य पुजारी पंडित प्रमोद शास्त्री बताते हैं कि 2004 के बाद यह अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। बृहस्पति, शनि और मंगल ग्रह का राशि में ही निवास करने के बाद इस दिन की मान्यता और भी बढ़ जाती है।
वसंत पंचमी पर दिन भर रहेगा शुभ मुहूर्त
पंडित प्रमोद शास्त्री के अनुसार सर्वार्थसिद्धि का संयोग बनने से आय में वृद्धि और शुभ कार्य करने का बेहतर अवसर है। 29 जनवरी को पूरा दिन मांगलिक कार्यों के लिए शुभ रहेगा। खासकर परिणय सूत्र में बंधने के लिए यह सबसे श्रेष्ठ अवसर है।
शरद ऋतु से निजात, नई फसल का भी है सीजन
प्राचीन शिव मंदिर गुड मंडी के मुख्य पुजारी पंडित नारायण शास्त्री बताते हैं कि ऋतुराज वसंत का दिन शरद ऋतु के बाद प्रकृति की खूबसूरती के प्रदर्शन का भी दिन है। नई फसल को लेकर जहां अन्नदाता में उत्साह रहता है, वहीं धार्मिक दृष्टि से भी इस दिन का दोहरा महत्व है। इस दिन दान दक्षिणा देना, गृह प्रवेश करना व परिणय सूत्र में बंधना श्रेष्ठ है।
ऐसे करें मां सरस्वती का पूजन
- मां सरस्वती के चित्र की स्थापना करें
- मां सरस्वती वंदना का उच्चारण करें
- मां सरस्वती के बीज मंत्र को केसर व गंगाजल से दीवार पर लिखें
- पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें
- पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके पूजा की करें
- पीले वस्त्र बिछाकर मां सरस्वती को स्थापित करें
- रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा का प्रसाद अर्पित करें
- केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम है
- काले वस्त्रों का इस्तेमाल न करें
सूर्योदय के अनुसार 30 को मनाए बसंत पंचमी
ज्योतिष रत्न नरेश नाथ के अनुसार शास्त्र व उपनिषदों में सूर्योदय के साथ ही उस दिन का महत्व माना जाता है। इस हिसाब से 30 जनवरी को सूर्योदय के साथ पंचमी लगी हुई है। भले ही एक दिन पहले पंचमी शुरू हुई हो गई होगी, लेकिन सूर्योदय के साथ पंचमी होने के कारण 30 जनवरी को वसंत पंचमी मनाया जाना शुभ रहेगा। इस दिन गन्ने के रस की खीर बनाकर मां सरस्वती को भोग लगाना चाहिए।
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