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इंडस्ट्री को वर्किग कैपिटल मनी का दस फीसद देने से मना कर रहे बैंक

कोविड-19 को लेकर आरबीआइ ने रिवर्स रेपो रेट को चार फीसद घटाकर 3.75 कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 06:14 AM (IST)
इंडस्ट्री को वर्किग कैपिटल मनी का 
दस फीसद देने से मना कर रहे बैंक
इंडस्ट्री को वर्किग कैपिटल मनी का दस फीसद देने से मना कर रहे बैंक

कमल किशोर, जालंधर

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कोविड-19 को लेकर आरबीआइ ने रिवर्स रेपो रेट को चार फीसद घटाकर 3.75 कर दिया है। रेपो रेट कम करने का उद्देश्य यही है कि बैंक जरूरतमंदों को कर्ज देने में कंजूसी ना करें। आरबीआइ ने उद्योगपतियों को वर्किंग कैपिटल मनी का दस प्रतिशत अतिरिक्त देने की गाइडलाइन जारी की थी।

उधर, इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि बैंक आरबीआइ की गाइडलाइन को मान नहीं रहे है। बैंक प्रबंधन ने अपने स्तर पर कैपिटल मनी का दस प्रतिशत अतिरिक्त देने के लिए रेटिंग तय कर दी है। इसके तहत जो उद्योग एक से छह रेटिग में आते है उन्हें ये लाभ दिया जा रहा है और जो सात से दस रेटिंग के बीच आते हैं उन्हें ये लाभ नहीं दिया जा रहा। सात से दस प्रतिशत रेटिग में वह इंडस्ट्री आती है जो पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रही है और ऊपर से अब कोरोना वायरस के कारण इंडस्ट्री बंद होने से उसकी हालत और पतली हो गई है। ऐसे में सबसे ज्यादा इन्हें ही आर्थिक मदद की दरकार है। लेकिन बैंक प्रबंधन ने अपने ही नियम बना दिए हैं।

बैंक का अपना तर्क है कि सात से दस रेटिंग में आने वाले उद्योगों को वर्किग कैपिटल मनी का दस प्रतिशत देने में काफी रिस्क है। तर्क है कि अगर इंडस्ट्री बंद हो जाती है तो फिर लोन कौन चुकाएगा। क्या होती है वर्किंग कैपिटल मनी

उद्योग शुरू करने के लिए बैंक से वर्किंग कैपिटल मनी लगाई जाती है। इंडस्ट्री कैपिटल मनी का ब्याज भी बैंक को देती है। आरबीआइ ने बैंक प्रबंधनों को कैपिटल मनी का दस प्रतिशत अधिक देने की बात कही थी ताकि इंडस्ट्री पुरर्जीवित हो पाए। बैंक प्रबंधन आरबीआइ की गाइडलाइन को नजरअंदाज कर रहा है। बैंक ने कैपिटल मनी का दस प्रतिशत देने के लिए अपनी शर्ते तय कर दी है। लेदर इंडस्ट्री तो लॉकडाउन से पहले से ही बंद है। ऐसे में इसे सबसे ज्यादा आर्थिक मदद चाहिए। बैंकों को आरबीआइ की गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए।

प्रवीण कुमार, प्रधान, पंजाब लेदर फेडरेशन

छोटे उद्योगों को कैपिटल मनी का दस प्रतिशत अतिरिक्त मिल जाता है तो कोरोना वायरस के बीच बंद पड़ी इंडस्ट्री आने-वाले दिनों में सरवाइव होनी शुरू हो जाएगी। बैंकों को आरबीआइ की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनी शर्ते ना बनाते हुए सभी को इसका लाभ देना चाहिए।

मनीष अरोड़ा, प्रधान, स्पो‌र्ट्स एंड सर्जिकल कांप्लेक्स


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