सभी सियासी दलों के पोस्ट पोल एनालिसिस में शामिल हुई बसपा
संसदीय क्षेत्र जालंधर में चुनाव हार जाने के बावजूद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की कारगुजारी तमाम राजनीतिक दलों के पोस्ट पोल एनालिसिस में शामिल हो गई है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर
संसदीय क्षेत्र जालंधर में चुनाव हार जाने के बावजूद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की कारगुजारी तमाम राजनीतिक दलों के पोस्ट पोल एनालिसिस में शामिल हो गई है। मात्र ढाई वर्ष में बसपा की उम्दा कारगुजारी अन्य राजनीतिक दलों के लिए चिता का विषय बन बैठी है और इसका आकलन चुनाव के बाद होने वाली कोर कमेटियों की बैठकों में गंभीरता से होना शुरू हो गया है। बसपा को मिले वोट ने जहां चुनावी नतीजों को प्रभावित किया है, वहीं चुनाव हार जाने वाली एवं जीत जाने वाली कांग्रेस के उन विधायकों के लिए भी चिता का विषय बना है, जहां पर बसपा ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।
2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा बेहद कम हलकों में ही 10 हजार का आंकड़ा पार कर सकी थी। 2019 के संसदीय चुनाव में दो लाख से ज्यादा वोट लेने का आंकड़ा पार करने वाले बलविदर कुमार ने 2017 के विधानसभा चुनाव में करतारपुर विधानसभा हलके से खुद चुनाव लड़ा था और मात्र पांच हजार के आसपास वोट ही ले पाए थे। इसी हलके में बसपा 26 हजार वोट की बढ़ोतरी करते हुए 31 हजार वोट ले जाने में सफल रही । बसपा ने आदमपुर हलके में कांग्रेस के चौधरी संतोख सिंह समेत अकाली दल के मौजूदा विधायक पवन कुमार टीनू के लिए भी भारी उलटफेर किया और वोट लेने में पहले नंबर पर रही। विधानसभा चुनाव में बसपा को आदमपुर हलके से 5600 वोट मिले थे और इस बार यह आंकड़ा 39 हजार को भी पार कर गया। 34 हजार का इजाफा पवन कुमार टीनू के लिए अपनी पार्टी को कोई जवाब दे पाने में भारी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। यही नहीं बसपा ने इन दो हलकों के अलावा अन्य सात विधानसभा हलकों में भी वोट लेने में उम्दा प्रदर्शन किया है।
अब राजनीतिक दल इस बात का जवाब ढूंढ रहे हैं कि वोट बसपा प्रत्याशी बलविदर कुमार की निजी छवि को मिला या बसपा को? बसपा से एलाइंस करने वाली पीडीए कितना योगदान दे सकी? यूथ किस वजह से भारी संख्या में बलविदर कुमार के साथ उठ चला और सबसे अहम सवाल यह कि ढाई साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा को रोका कैसे जा सकता है।
इस बारे में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मंगलवार को चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें तमाम उम्मीदवारों एवं विधायकों को बुलाया गया है। कोर कमेटी की बैठक में चुनावी नतीजों के ऊपर ही चर्चा भी होगी और इसका गंभीरता से आकलन भी होगा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों से भी फीडबैक ली जाएगी और विधायकों की कारगुजारी भी देखी जाएगी।
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