जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में कोरोना से बचने की व्यवस्था बदहाल, बुखार चेक करने व सेनिटाइजर का भी नहीं इंतज़ाम
बूथ कांपलेक्स चालान काउंटर सेवा केंद्र और सब रजिस्ट्रार दफ्तर में तो लोगों की भीड़ जुट ही रही है और उस पर कांप्लेक्स के गेट से ही शारीरिक दूरी को लेकर व्यवस्था बदहाल है।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए उच्च अधिकारी जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में ही ढंग से व्यवस्था नहीं बना पाए हैं। बूथ कांपलेक्स, चालान काउंटर, सेवा केंद्र और सब रजिस्ट्रार दफ्तर में तो लोगों की भीड़ जुट ही रही है और उस पर कांप्लेक्स के गेट से ही शारीरिक दूरी को लेकर व्यवस्था बदहाल है। डीसी दफ्तर के जनता की एंट्री वाले मेन गेट पर सिर्फ एक ही रास्ता खुला हुआ है। उसी से लोग अंदर आ रहे हैं और उसी से बाहर जा रहे हैं। इससे वहां पर भीड़ हो रही है और लोगों के बीच शारीरिक दूरी कायम नहीं रह पा रही है। हद तो यह है कि इसी गेट से गाड़ियां का आना-जाना भी जारी है।
कोरोना वायरस फैलने से पहले दोनों ही गेट खुले होते थे और आने-जाने के लिए अलग-अलग गेट थे। इसी तरह डीसी दफ्तर में प्रवेश करने के लिए अब जनता के लिए एक ही रास्ता रखा हुआ है लेकिन उसे भी चौथे हिस्से तक ही खोला गया है और जंजीर डालकर सिर्फ एक आदमी के आने-जाने लायक ही जगह छोड़ी गई है। इससे लोगों के बीच अंदर-बाहर आने-जाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है, हालांकि खुद को बचाने के लिए अधिकारियों ने पूरा जुगाड़ कर रखा है। डीसी दफ्तर का गेट पूरी तरह खोल कर रखा गया है। वहां से आम जनता के आने जाने की मनाही है, जिस तरफ से जनता की एंट्री है, वहां व्यवस्था कोरोना वायरसका सक्रमण फैलाने वाली बनी हुई है। इसके बावजूद अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि अगर लोगों को जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में आना है या डीसी दफ्तर में जाना है तो कोरोनावायरस के खतरे के बीच ही रहने को मजबूर होना पड़ेगा।
न तापमान चेक, न सैनिटाइजर
डीसी दफ्तर में रोजाना सैकड़ों लोग आ रहे हैं लेकिन गेट पर उनके शरीर के तापमान यानी बुखार नापने का कोई इंतजाम नहीं है और ना ही लोगों को अंदर जाने से पहले हाथ सैनिटाइज करने के लिए कोई बंदोबस्त किया गया है। यहां तैनात पुलिस कर्मचारी सिर्फ मास्क देखकर ही लोगों को अंदर जाने दे रहे हैं। इसके उलट पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में लोगों का तापमान चेक होने के बाद उनके हाथ भी सैनिटाइज करवाकर अंदर जाने दिया जाता है।