ऑडियो, वीडियो क्लिप विजिलेंस के रिकॉर्ड से गायब
आखिरकार वही हुआ जिसकी आशंका थी। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में रिश्वत कांड का अहम सुबूत दो वीडियो व एक ऑडियो क्लिप विजिलेंस ब्यूरो ने रिकॉर्ड से ही गायब कर दी हैं।
सत्येन ओझा, जालंधर : आखिरकार वही हुआ जिसकी आशंका थी। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में रिश्वत कांड का अहम सुबूत दो वीडियो व एक ऑडियो क्लिप विजिलेंस ब्यूरो ने रिकॉर्ड से ही गायब कर दी हैं। डीएसपी विजिलेंस चौधरी सतपाल ¨सह ने कहा है कि उनके पास न तो कोई ऑडियो क्लिप है न वीडियो क्लिप। न ही उन्होंने किसी से ऑडियो व वीडियो क्लिप तैयार कराईं। बता दें कि ऑडियो में ट्रस्ट की महिला अधिकारी की आवाज खुद अपने लिए रिश्वत मांगते हुए कैद हुई है। इसमें वह बता रही हैं कि चार हजार की राशि उनकी है, 1500 मो¨हदर ¨सह (ट्रैप में पकड़ा गया सुप¨रटेंडेंट) ने अपने मांगे होंगे। इधर, विधायक रा¨जदर बेरी ने कहा है कि विजिलेंस ऑडियो या वीडियो सीडी गायब नहीं कर सकती है, क्लिप उनके पास हैं। जालंधर विजिलेंस ब्यूरो ने अगर मामला दबाया तो वे चीफ विजिलेंस अफसर से मिलेंगे। ईओ सु¨रदर कुमार ट्रस्ट में जो कुछ कर रही हैं, कैप्टन सरकार उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। विजिलेंस ने उन्हें बचाने की कोशिश की तो वे भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
ये है मामला
प्रीतनगर निवासी प्रॉपर्टी डीलर चेतन सरीन ने विजिलेंस के एसएसपी दल¨जदर ¨सह ढिल्लों को दी शिकायत में कहा था कि गुरु गो¨वद ¨सह एन्क्लेव के प्लॉट संख्या-762 और 813 की पावर ऑफ अटार्नी ट्रांसफर करने के लिए ईओ सु¨रदर कुमारी व सुप¨रटेडेंट मो¨हदर पाल प्रति प्लॉट उनसे 5500 रुपये की रिश्वत मांगे रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस शिकायतकर्ता को सीनियर सहायक व ईओ के साथ रिश्वत मांगे जाने की वीडियो व ऑडियो क्लिप बनाने को कहा था। शिकायतकर्ता ने तीन ऑडियो और वीडियो क्लिप तैयार की थीं। तीनों ही क्लिप में रिश्वत को लेकर चेतन सरीन व ट्रस्ट की महिला अधिकारी व सुपरिंटेंडेंट के बीच बातचीत है। बातचीत में सुपरिंटेडेंट मो¨हदरपाल चेतन सरीन के बार-बार आग्रह पर बिना रिश्वत लिए फाइल पर हस्ताक्षर करने को तैयार हो जाता है। लेकिन वह चेतन को हिदायत दे रहा है कि मैडम किसी कीमत पर फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेगी। हुआ भी ऐसा ही था। 12 मिनट, 7 सेकंड की जिस ऑडियो क्लिप में महिला अधिकारी रिश्वत मांग रही है, उसमें लगभग तीन मिनट की बातचीत महिला अधिकारी के साथ है। ये क्लिप 30 अगस्त की शाम को 4 बजकर 39 मिनट 36 सेकंड पर बनाई गई थी। ऐसे हुई लीपापोती
दैनिक जागरण ने 9 सितंबर को विजिलेंस ब्यूरो की ओर से मामले की लीपापोती को प्रमुखता से उजागर किया था। हालांकि उस समय तक एसएसपी विजिलेंस दल¨जदर ¨सह ढिल्लों ने स्वीकार किया था कि ऑडियो, वीडियो क्लिप एवीडेंस के रूप में प्रयोग की जा सकती हैं। इसके लिए ऑडियो व वीडियो में रिकार्ड आवाज की जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजी जानी थी। अब तो डीएसपी विजिलेंस ने साफ तौर पर इनकार ही कर दिया है कि उनके पास कोई ऑडियो या वीडियो क्लिप नहीं है।
ईओ को बचाने के किसी भी प्रयास को नहीं होने दिया जाएगा सफल : बेरी
विधायक राजिंदर बेरी ने कहा कि विजिलेंस अपने पास से ऑडियो, वीडियो क्लिप गायब कर सकती है लेकिन ओरिजनल ऑडियो, वीडियो उनके पास है। आवाज की किसी भी लैब में जांच कराई जा सकती है। ईओ को विजिलेंस ब्यूरो बचा नहीं सकती है। वे सबके सामने ऑडियो, वीडियो के माध्यम से पोल खोलेंगे। ईओ को जो भी बचाएगा, वह भी कानून की भाषा में उतना ही बड़ा दोषी होगा।