डा. संजीव शर्मा को कांग्रेस में लाने की कोशिश
आम आदमी पार्टी की पैराशूटर्स को टिकट से नाराज हुए पुराने नेताओं को लेकर दूसरे राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। जालंधर सेंट्रल से डा. संजीव शर्मा जालंधर वेस्ट से डा. शिव दयाल माली पर सबसे अधिक नजर है।
जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर : आम आदमी पार्टी की पैराशूटर्स को टिकट से नाराज हुए पुराने नेताओं को लेकर दूसरे राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। जालंधर सेंट्रल से डा. संजीव शर्मा, जालंधर वेस्ट से डा. शिव दयाल माली पर सबसे अधिक नजर है। आम आदमी पार्टी के इन दोनों नेताओं के कारण आप को कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। डा. संजीव शर्मा ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जबकि उनके भाई संदीप शर्मा कांग्रेसी हैं। जिस तरह से उनकी पार्टी में अनदेखी होती रही है उसे लेकर अब नए समीकरण बन रहे हैं। कांग्रेस पार्टी डा. संजीव शर्मा को अपने पाले में लाने की कोशिश में है। इसी को लेकर परगट सिंह ने बुधवार को डा. संजीव शर्मा के भाई संदीप शर्मा के साथ मीटिग की है।
कैबिनेट मंत्री ने डा. संजीव शर्मा को लेकर बात की है और उन्हें कांग्रेस में लाने के लिए बातचीत आगे बढ़ाई है। ऐसा माना जा रहा है कि डा. संजीव शर्मा को कांग्रेस में लाकर उन्हें नकोदर सीट आफर कर सकते हैं, क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस को अभी तक कोई उम्मीदवार नहीं मिला है। कांग्रेस की कोशिश है कि नकोदर से संदीप शर्मा चुनाव लड़ें। शर्मा परिवार मूल रूप से नकोदर विधानसभा हलके के कस्बा नूरमहल से ही हैं। मूलरूप से किसान हैं शर्मा, किसान आंदोलन में संभाला था मोर्चा
डा. संजीव शर्मा और संदीप शर्मा मूल रूप से किसान हैं। खासतौर पर संदीप शर्मा तो खेतीबाड़ी ही करते हैं। वह दूरदर्शन पर आने वाले कृषि कार्यक्रमों में विशेषज्ञ के रूप में भी नजर आते हैं। आर्गेनिक खेती में भी इनका काफी नाम है। संदीप शर्मा ने किसान आंदोलन में भी झंडा बुलंद किया था। वह करीब एक साल तक किसानों के साथ डटे रहे। डा. संजीव शर्मा भी किसानों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कई मेडिकल वाहन लेकर दिल्ली बार्डर पर मौजूद रहे थे। संदीप शर्मा का ग्रामीण क्षेत्र में बड़ा सर्किल है। नकोदर सीट पर हिदू वर्ग के वोट बड़ी गिनती हैं। कांग्रेस जट्ट उम्मीदवारों के बीच हिदू चेहरा उतारकर नया एक्सपेरिमेंट कर सकती है। अगर संदीप शर्मा चुनाव लड़ते हैं तो किसानों का एक बड़ा वर्ग भी समर्थन में आ सकता है। डा. माली पर भी कांग्रेस की नजर
डा. शिव दयाल माली को भी कांग्रेस में शामिल करवाने की कोशिश चल रही है। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी पार्टी को कई सीटों पर इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है। डा. संजीव शर्मा और डा. शिव दयाल माली आम आदमी पार्टी के पुराने वालंटियर हैं और इन्हीं के जरिए पार्टी में हजारों वालंटियर शामिल हुए हैं। दोनों ही अब पार्टी से अलग हो चुके हैं और उनके साथ कई वालंटियर आम आदमी पार्टी छोड़ चुके हैं। अगर यह दोनों नेता किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल होते हैं तो आम आदमी पार्टी में एक बड़ी टूट देखी जा सकती है। भाजपा के शेखावत और शिअद प्रधान भी दे चुके हैं आफर
डा. संजीव शर्मा और डा. शिव दयाल माली को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करने के लिए पंजाब भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी आफर दे चुके हैं। यही नहीं शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी डा. संजीव शर्मा के साथ मीटिग करना चाहते हैं। डा. संजीव शर्मा का कहना है कि दूसरे राजनीतिक दलों के कई नेताओं के फोन आ रहे हैं, लेकिन अभी उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है। वह इस पर पूरी तरह सोच समझकर ही कोई भी निर्णय लेंगे। मोहिदर भगत की टिकट कटी तो डा. माली वेस्ट से हो सकते हैं आजाद उम्मीदवार
आप के बागी नेता इस समय कई मोर्चो पर काम कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की अनदेखी से नाराज डा. शिवदयाल माली पार्टी को नुकसान पहुंचाने का कोई रास्ता नहीं छोड़ना चाहते। ऐसी भी चर्चा है कि अगर भाजपा जालंधर वेस्ट हलके से मोहिदर भगत की टिकट काटती है तो माली भगत बिरादरी के प्रतिनिधि के तौर पर आजाद चुनाव लड़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि डा. संजीव शर्मा और डा. माली की यह कोशिश है कि आप को कम से पांच सीटों पर जरूर नुकसान पहुंचाए। इसके लिए जरूरत पड़ी तो आजाद उम्मीदवार भी खड़े किए जा सकते हैं।