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30 वर्ष पुरानी पानी की समस्या होगी हल, सतलुज से नहर के जरिये पानी लाने के प्रोजेक्ट को एडीबी की मंजूरी

एक्सईएन जितिन वासुदेवा ने कहा कि प्रोजेक्ट अब पूरी तरह से क्लियर हो चुका है। जल्द डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 03:49 PM (IST)
30 वर्ष पुरानी पानी की समस्या होगी हल, सतलुज से नहर के जरिये पानी लाने के प्रोजेक्ट को एडीबी की मंजूरी
30 वर्ष पुरानी पानी की समस्या होगी हल, सतलुज से नहर के जरिये पानी लाने के प्रोजेक्ट को एडीबी की मंजूरी

जागरण संवाददाता, जालंधर। सतलुज दरिया से जालंधर तक नहर के जरिए पीने का पानी लाने के 1400 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को एशियन डवलपमेंट बैंक से मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही, फाइनेंस का मामला पूरी तरह से हल हो गया है। प्रोजेक्ट को हैंडल कर रहे सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन जितिन वासुदेवा ने बताया कि अब एक प्राथमिक तौर पर डीपीआर तैयार की जाएगी। चुनावों में ड्यूटी के कारण काम अब नतीजे आने के बाद ही तेज होगा।

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गांव जगरावां में जमीन तय

प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों से प्रपोजल मांगे गए हैं और प्री-क्वालीफिकेशन टेंडर एक हफ्ते बाद खुलेगा। प्रोजेक्ट के लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत है और अब तक 80.5 एकड़ जमीन की ऑफर किसानों की तरफ से आ चुकी है। यह जमीन आदमपुर के गांव जगरावां में तय की गई है। एशियन डवलपमेंट बैंक की इनावयरमेंटल टीम ने गांव जगरावां में इनवायरमेंटल क्लियरेंस दे दी है। गांव जगरावां के आसपास कोई ऐसी इंडस्ट्री नहीं है जो प्रदूषण फैलाए और न ही सीवरेज का डिस्पोजल है।

एक्सईएन जितिन वासुदेवा ने कहा कि प्रोजेक्ट अब पूरी तरह से क्लियर हो चुका है। इसके लिए तीन चीजें जरूरी थीं। पानी का सोर्स जो मंजूर हो गया है, प्रोजेक्ट के लिए जमीन जो तय हो गई है और टेंडर में शामिल होने के लिए तीन कंपनियां जरूरी थी। प्री-क्वालिफिकेशन टेंडर में तीन से ज्यादा कंपनियों ने शामिल होने की तैयारी की है। इन्हीं कंपनियों की मांग पर टेंडर खोलने का समय बार-बार बढ़ाया है। अगले एक महीने में काफी काम हो जाएगा।

बिस्त दोआब नहर से पानी होगा उपलब्ध

सिंचाई विभाग ने नगर निगम को लिख कर भेज दिया है कि वह अगले 30 सालों के लिए बिस्त दोआब नहर में रेगुलर पानी की सप्लाई देगा और निगम इस पानी को इस्तेमाल कर सकता है। शहर की मौजूदा जरूरत 275 एमएलडी पानी की है जबकि 30 साल बाद आबादी बढ़ने पर 350 एमएलडी पानी चाहिए होगा। पहले फेस में 275 एमएलडी पानी का प्रोजेक्ट बनेगा जबकि बाद में इसे बढ़ा कर 350 एमएलडी का किया जाएगा।

सिंचाई विभाग 78 करोड़ रुपये से करेगा नहर की रिपेयर

सिंचाई विभाग ने नगर निगम को 30 साल तक पानी देने पर सहमति जताई है लेकिन साथ ही नहर को ठीक करने के लिए 78 करोड़ रुपये की भी मांग की है। इससे नहर के किनारों को मजबूत किया जाएगा। जहां नहर पक्की नहीं है वहां उसे पक्का किया जाएगा। यह सारा काम नहरी विभाग खुद करवाएगा। 78 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट के बजट में शामिल किए जाएंगे। नगर निगम ने इसे सैद्धांतिक तौर पर मंजूर कर लिया है।

एशियन डवलपमेंट बैंक से मिलेगा 889.49 करोड़ का लोन

एशियन बैंक से 889.49 करोड़ रुपये का लोन इस प्रोजेक्ट के लिए मिलेगा। यह रुपया शहर में पुरानी पाइपों के नेटवर्क को ठीक करने। ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए स्काडा सिस्टम लगाने। घरों के कनेक्शन ठीक कराने। अंडरग्रांउड और ओवरहेड टंकियां, पंपिग स्टेशन, 100 एकड़ जमीन अधिग्रहण, 10 साल के आपरेशन एंड मेनटनेंस पर खर्च होंगे।

अमरुत योजना से मिलेंगे 454.33 करोड़ रुपये

गांव जगरावां के पास नहर से पानी लेने का प्रोजेक्ट लाने के लिए अमरुत योजना के तहत 454.33 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे सबसे पहले इनटेक प्लांट लगेगा। पानी को साफ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। वाटर स्टोरेज के लिए अंडरग्राउंड टैंक बनेंगे। प्लांट से पानी शहर लाने के लिए पाइप लाइन डाले जाएंगे।

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