अष्टमी आज, न घर में बुलाएं कंजकें, न ही बच्चियों को भेजें
चैत्र के नवरात्र जारी हैं। एक अप्रैल को अष्टमी पूजन किया जाएगा। जिसमें कंजक पूजा किए जाने का विधान है।
शाम सहगल, जालंधर
चैत्र के नवरात्र जारी हैं। एक अप्रैल को अष्टमी पूजन किया जाएगा। जिसमें कंजक पूजा किए जाने का विधान है। इसके तहत घर में कंजकें (छोटी बच्चियां) व लैंकडा (छोटा बच्चा) बुलाकर उनकी पूजा करके यह रस्म पूरी की जाती है, जबकि कोरोना वायरस के चलते मां भक्त इन दिनों पशोपेश में है। उधर, शहर के प्रमुख पुजारी अष्टमी वाले दिन घर में न तो कंजकें बुलाने व ना ही छोटी बच्चियों को बाहर भेजने की सलाह देते हैं। लिहाजा अष्टमी वाले दिन घर में विधिवत पूजा अर्चना करके कंजकों को सूखे सामान देने का संकल्प करना चाहिए।
इस बारे में श्री हरि दर्शन मंदिर अशोक नगर के प्रमुख पुजारी पंडित प्रमोद शास्त्री बताते हैं कि कोरोना वायरस सतह से फैलता है। ऐसे में इस पावन पर्व पर ना तो घर से बच्चियों को बाहर भेजना चाहिए व ना ही बाहर से छोटी बच्चियां बुलाकर कंजक पूजन करना चाहिए। इसलिए अष्टमी वाले दिन कंजकों के नाम पर उपहार निकालने का संकल्प करके अलग से रख देना चाहिए जिन्हें सामान्य माहौल बनने के बाद कंजकों में वितरित कर देना चाहिए।
घर में ही करें कंजक पूजन
श्री मेला राम मंदिर सैदा गेट के प्रमुख पुजारी पंडित भोलानाथ द्विवेदी बताते हैं कि इन दिनों घर की चारदीवारी में ही रहकर कंजक पूजन करना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक विपरीत परिस्थितियों में मां के भक्तों को घर में ही रहकर कंजक पूजन करना चाहिए। इसके लिए देवी देवताओं के लिए अलग से धनराशि निकालकर बाद में कंजकों में वितरित कर दें।
कभी भी कर सकते हैं कंजक पूजन
गीता मंदिर मॉडल टाउन के पुजारी आचार्य सुरेश नौटियाल बताते हैं कि कंजक पूजन कभी भी किया जा सकता है।