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Arvind Kejriwal Punjab Visit: पंजाब में केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक, उद्योगपतियों और व्यापारियों को पार्टनरशिप का न्योता

बुधवार को जालंधर में केजरीवाल ने उद्योगपतियों और व्यापारियों के साथ बैठक करके उनके मुद्दे सुने और उन्हें अपना 10 सूत्री फार्मूला बताया। अन्य दलों के उलट उन्होंने उद्यमियों को पार्टनरशिप का आफर दिया। हमें जिताएं हम आपको सभी सुविधाएं देंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 04:43 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 04:43 PM (IST)
Arvind Kejriwal Punjab Visit: पंजाब में केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक, उद्योगपतियों और व्यापारियों को पार्टनरशिप का न्योता
जालंधर में उद्योगपतियों से मुलाकात के दौरान आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल।

मनोज त्रिपाठी, जालंधर। पंजाब में सत्ता में आने का सपना देख रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने उद्योगपतियों व्यापारियों को सरकार में भागीदारी निभाने के लिए उनके मन में बीज बोना शुरू कर दिया है। केजरीवाल के इस अभियान में भगवंत मान एक बार फिर से आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभर रहे हैं। करीब 10 साल पहले पंजाब की सियासत में कदम रखने वाली आम आदमी पार्टी फिलहाल तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदेश में वह स्थान नहीं बना पाई है, जो उसे हासिल होना चाहिए था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में एक दौर ऐसा भी था, जब पूरे सूबे में आम आदमी पार्टी की सरकार आने को लेकर पार्टी से लेकर लोगों तक में अटकलें लगाई जा रही थी। मगर ऐसा हो नहीं सका। चुनाव के परिणाम आने के बाद सत्ता कांग्रेस के हाथ में चली गई।

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वर्ष 2007 से लेकर 2017 तक पंजाब में 10 साल तक राज करने वाली शिरोमणि अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी की सरकार के हाशिये पर जाने के बाद पूरे पंजाब में यह माहौल बन गया था कि इस बार आम आदमी पार्टी की सरकार आकर रहेगी। पार्टी की कुछ गलत नीतियों के चलते चुनाव से ऐन पहले लोगों ने आप को सत्ता से दूर कर दिया। 90 विधायकों के जीतने का सपना देखने वाले केजरीवाल के खाते में 20 सीटें ही आ सकी। विपक्ष में बैठने पर भी 5 साल आम आदमी पार्टी के पास अपनी नीतियों के प्रचार व प्रसार के लिए पर्याप्त समय था। पंजाब में खुद मुख्तियारी जैसे मुद्दों को लेकर आप के नेताओं की सियासत व अंदरूनी कलह के कारण पार्टी पिछले साढ़े चार साल में विपक्ष की भूमिका भी ठीक से नहीं निभा सकी।

यही वजह है कि 2022 में होने जा विधानसभा चुनाव को लेकर अरविंद केजरीवाल अभी से गंभीर हो गए हैं। उन्होंने खुद कमान संभाल ली है। पार्टी ने इस बार उद्योगपतियों व व्यापारियों को सरकार में भागीदारी पार्टनरशिप देने का वायदा दिया है। पंजाब में तमाम मुद्दों के बीच बेरोजगारी और नशा एक बड़ा मुद्दा है। बेरोजगारी के मुद्दे को खत्म करने के लिए केजरीवाल ने उद्योगपतियों व व्यापारियों से ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने की अपील करनी शुरू कर दी है। इसके बदले में उद्योगपतियों और व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें और उनकी सभी मांगे मान कर उनके मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का वायदा भी किया है। 

लोगों को मुफ्त बिजली के वादे से डरे उद्योगपति

पिछले दिनों पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना में और उसके बाद बुधवार को जालंधर में केजरीवाल ने उद्योगपतियों और व्यापारियों के साथ बैठक करके उनके मुद्दे सुने और उन्हें अपना 10 सूत्री फार्मूला बताया। उद्योग पतियों का सबसे बड़ा मुद्दा मुफ्त में बिजली देने के बाद उसका बोझ उद्योग जगत पर कितना पड़ेगा है। ज्यादातर उद्योगपति डरे हुए हैं कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो लोगों को मुफ्त बिजली देने का वादा पूरा करेगी लेकिन इसका बोझ जालंधर और पंजाब के उद्योग को महंगी बिजली के रूप में में चुकाना पड़ सकता है। 

पंजाब में 30 सालों से एक भी नए औद्योगिक एरिया का निर्माण ना होना जैसे मुद्दों को केजरीवाल अपने वायदे और भरोसे के साथ हल करने के सपने उद्योगपतियों व व्यापारियों को दिखा रहे हैं। केजरीवाल ने अभी तक की बैठकों में यही प्रचार किया है कि बाकी दल उद्योगपतियों व व्यापारियों के पास चुनाव से पहले पैसे मांगने आते हैं लेकिन उन्हें पैसे नहीं बल्कि उद्योगपतियों तथा व्यापारियों की पार्टनरशिप चाहिए। यह नया फार्मूला है।

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अकाली दल भी उद्यमियों को लुभाने में जुटा

अकाली दल ने भी हर बार की तरह इस फार्मूले पर काम शुरू कर दिया है। सुखबीर बादल खुद उद्योगपतियों तथा व्यापारियों के साथ बैठकर कर रहे हैं। कांग्रेस जरूर अभी इस मामले में पीछे चल रही है लेकिन केजरीवाल की पार्टनरशिप की योजना इस बार के पंजाब चुनाव में उद्योगपतियों व्यापारियों को अपने पाले में खड़ा करने के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकती है। उनके इस अभियान में आम आदमी पार्टी में हाशिए पर आ गए भगवंत मान फिर से पंजाब में पार्टी का बड़ा चेहरा बनकर उभर रहे हैं।

फिलहाल केजरीवाल ही पंजाब में आप का चेहरा

बुधवार को जालंधर में केजरीवाल के साथ उद्योगपतियों व व्यापारियों की हुई बैठक के दौरान मंच पर उनके बगल में भगवंत मान ही बैठे दिखाई दिए। विभिन्न मुद्दों पर भगवंत मान केजरीवाल को समझाते भी रहे। कुछ समय पहले तक भगवंत मान को पार्टी में साइड लाइन किए जाने की रणनीति पर काम किया जा रहा था। उसके जवाब में मान ने आप विधायकों के साथ बैठक करते एक बार फिर से पंजाब में खुद मुख्तियारी की बात कर दी। पार्टी ने अभी तक किसी को अपना सीएम चेहरा नहीं बताया है। फिलहाल केजरीवाल ही पंजाब में आम आदमी पार्टी का चेहरा बनकर लोगों से मिल रहे हैं। इससे आम आदमी पार्टी के पुराने नेता कंफ्यूज भी हो रहे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा।

फिलहाल, पंजाब दौरे के दौरान केजरीवाल ने उद्योगपतियों व व्यापारियों को अपनी सरकार में पार्टनरशिप का सपना दिखाकर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है यह समय ही बताएगा कि केजरीवाल पर खेल नगरी के उद्योगपति व व्यापारी कितना भरोसा करते हैं।


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