प्लॉट का कब्जा न देने पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन के खिलाफ दो मामलों में गिरफ्तारी वारंट
जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जिला कंज्यूमर फोरम ने दो ताजा मामलों में ट्रस्ट के चेयरमैन को खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
जालंधर, जेएनएन। जिला उपभोक्ता आदलत ने दो केसों में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दलजीत सिंह आहलुवालिया के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। दोनों केसों में कोर्ट के आदेश पर अमल करने के लिए 10 फरवरी तक का समय दिया गया है। यदि ट्रस्ट इस दौरान आदेश का पालन नहीं करता है तो चेयरमैन को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं। ये पहला मौका नहीं है कि जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किए हों। इससे पहले भी करीब तीन-चार मामलों में आहलुवालियां के खिलाफ वारंट जारी हो चुके हैं।
पहले मामले में सुविक्रम ज्योति को ट्रस्ट ने जमीन देने की एवज में गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू में प्लॉट नंबर 142, 143 अलॉट किए थे। 14 जुलाई 2009 को सुविक्रम ज्योति ने ट्रस्ट को एडवांस में 2.24 लाख रुपये जमा करवाए थे और फिर 1 दिसंबर 2009 को दोनों केस में 1.50-1.50 लाख रुपये जमा करवाए। दिसंबर 2009 में ही ट्रस्ट ने सुविक्रम को लेटर के साथ दो ड्राफ्ट भेजकर पैसे वापस किए थे कि अभी एक साल तक प्लॉट का कब्जा नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसकी जांच में समय लगेगा। अलॉटी ने जून 2017 में केस कर दिया जिसका फैसला 18 मार्च 2019 को आया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दो लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए।
आदेश पर अमल न करने पर याचिकाकर्ता ने 23 अक्टूबर 2019 को कोर्ट आर्डर के एग्जिक्यूशन के लिए केस किया। कंज्यूमर कोर्ट ने 7 जनवरी 2020 को चेयरमैन दलजीत सिंह के गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए प्लॉट का कब्जा, मुआवजा देने के आर्डर दिए हैं।
82 वर्षीय महिला को भी कोर्ट से मिला न्याय
सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन में प्लॉट का नंबर बदलवाने के लिए 82 साल की महिला को भी कंज्यूमर कोर्ट से न्याय मिला है। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की रहने वाली प्रेम वालिया पत्नी मदन गोपाल वालिया को सूर्या एन्क्लेव में 100 गज का प्लॉट अलॉट हुआ था। 23 दिसंबर 2011 को प्लॉट नंबर 162-सी अलाट हुआ लेकिन दो अप्रैल 2012 को जारी अलॉटमेंट नंबर 4577 में प्लॉट का नंबर 162-डी बताया गया। अलॉटमेंट लेटर में दर्ज नंबर को असली नंबर से बदलवाने के लिए प्रेम वालिया ने ट्रस्ट के कई चक्कर लगाए लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। इस चक्कर में उन्हें प्लॉट का कब्जा नहीं मिला।
प्रेम वालिया ने 9 मार्च 2017 को कंज्यूमर कोर्ट में केस कर दिया। 8 मार्च 2017 को आए फैसले में कंज्यूमर फोरम ने ऑर्डर किए कि प्रेम वालिया को दो महीने में प्लॉट नंबर 162-सी का कब्जा दिया जाए। ट्रस्ट के ऐसा न करने पर प्रेम वालिया ने कंज्यूमर कोर्ट के आर्डर की एग्जिक्यूशन के लिए 22 अक्टूबर 2019 को अपील दायर की। इस पर फैसला 7 जनवरी, 2020 को आया और कोर्ट ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दलजीत सिंह आहलुवालिया के 10 फरवरी के गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए आदेश दिया है कि प्रेम वालिया को प्लॉट का कब्जा दिया जाए। ऐसा न होने पर गिरफ्तारी वारंट के आर्डर लागू होंगे।
बुजुर्ग वकील के लिए कंज्यूमर कोर्ट जाना मुश्किल हुआ
डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कोर्ट डीसी ऑफिस की दूसरी मंजिल पर है। डीसी ऑफिस की लिफ्ट छह महीने से खराब है। ऐसे में बुजुर्गों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। 86 साल के वकील केसी मल्होत्र इससे खासे परेशान हैं। उनके पास कंज्यूमर कोर्ट के कई केस हैं। एडवोकेट मल्होत्र ने कहा कि दिन में कई बार कोर्ट जाना होता है लेकिल इस उम्र में बार-बार सीढ़ियां चढ़ना संभव नहीं है।
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