जालसाजी में बैंक के दो एजीएम के खिलाफ वारंट
-एसएचओ को बीस जुलाई तक आरोपितों को कोर्ट में पेश करने के आदेश चंडीगढ़ के ब्रांच मैनेजर, सहायक मैनेजर व मोहाली के सीए के खिलाफ भी वारंट जारी।
जालंधर : जाली दस्तावेज तैयार कर एकम एम्पेक्स कपूरथला के साथ सात करोड़ रुपये की ठगी मारने के मामले में चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) के एजीएम विपन नेगी, एजीएम अदिति वालिया, एसबीआइ चंडीगढ़ के ब्रांच मैनेजर धर्मेद्र तिवारी, एजीएम गरिमा प्रहार और मोहाली के सीए राजीव ¨सह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। सीजीएम कोर्ट ने थाना सिटी कपूरथला के एसएचओ को इन पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर 20 जुलाई से पहले अदालत में पेश करने का फरमान भी जारी किया है। बता दें कि जाली दस्तावेज तैयार कर एकम एम्पेक्स के साथ सात करोड़ रुपये की ठगी मारने के मामले में क्राइम ब्रांच द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट थाना सिटी पुलिस ने मार्च माह दौरान सीजीएम कोर्ट में पेश की थी, जिसमें विभिन्न बैंकों के कई अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई थी।
एडीजीपी क्राइम की निगरानी में हुई इस जांच पश्चात पुलिस ने स्टेट बैंक आफ इंडिया सेक्टर 17-बी चंडीगढ़ के एजीएम विपन नेगी एवं एजीएम अदिति वालिया समेत बैंक के पांच वरिष्ठ अधिकारियों के अतरिक्त कोटक म¨हद्रा बैंक के तीन अधिकारियों एवं एक्सिस बैंक के एक सेल्स मैनेजर के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था, लेकिन कोई भी आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुआ। बैंक अधिकारियों से मिलकर बदल दिया था मोड ऑफ आपरेशन
इस संबंध में स्थानीय लोअर मॉल निवासी फर्म की पार्टनर सोनिया बावा की तरफ से फर्म के दूसरे पार्टनर के खिलाफ जालसाजी का आरोप लगाते हुए आला पुलिस अधिकारियों से 2014 में शिकायत की गई थी। पुलिस ने फर्म के पार्टनर सुख¨वदर ¨सह एवं उसके पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ मई 2014 को थाना सिटी कपूरथला में जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया था पंरतु सुख¨वदर ¨सह व उसका परिवार कभी भी पुलिस के सामने अपना पक्ष रखने के लिए पेश नहीं हुआ। अंतत: कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। इसके बाद क्राइम ब्रांच द्वारा पूरे मामले की जांच की गई तो सामने आया कि इस पूरी जालसाजी में भारतीय स्टेट बैंक के कई उच्च अधिकारियों के अलावा अन्य बैंकों के मुलाजिम व सीए भी शामिल हैं।