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April Fool's की जगह April Cool का ट्रेंड सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

April Fools की जगह पर April Cool का ट्रेंड सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है। लाेगों को फूल बनाने की परंपरा को तोड़ते फूल लगाने के संदेश वायरल हो रहे हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 04:33 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 04:33 PM (IST)
April Fool's की जगह April Cool का ट्रेंड सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल
April Fool's की जगह April Cool का ट्रेंड सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

जालंधर, [भावना पुरी]। प्रैंक करके सबको फूल बनाने के लिए April Fool's यानि एक अप्रैल का दिन निर्धारित किया गया है लेकिन पर्यावरण को लेकर सजग लोगों ने फूल बनाने की परंपरा को तोड़ते हुए पौधे लगाने और फूल लगाने पर जोर देना शुरू कर दिया है। April Fool's की जगह पर April Cool का ट्रेंड सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है। इसमें अप्रैल फूल की जगह एक पौधा लगाएं और अप्रैल को कूल बनाएं, एक अप्रैल को अप्रैल कूल डे के रूप में करें सेलिब्रेट जैसे संदेश ट्रेंड कर रहे हैं।

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बुजुर्गों से लेकर युवा ऐसे पोस्ट डाल रहे हैं। हैशटैग आई विल स्पोर्ट अप्रैल कूल, लेट्स मेक अवर चिल्ड्रन प्राउड, लेट्स प्लांट ए ट्री एंड सेव इट जैसे Post डालकर लोग इस मुहिम में शामिल हो रहे हैं। हालांकि पिछले साल भी जालंधर के मेहर चंद पॉलीटेक्निकल कॉलेज ने इस मुहिम के तहत पौधरोपण किया था।

अपने घर के पास एक पौधा जरूर लगाएं

फ्लाई उड़ान जिंदगी ट्रस्ट के Chairman पंकज मेहता का कहना है कि  गर्मियों में जालंधर कैंट और जालंधर के तापमान में काफी फर्क होता है। इसका कारण ग्रीनरी ही है जो शहर में कम हो गई है। हर व्यक्ति अपने घरों के पास एक-एक पौधा जरूर लगाएं और अप्रैल कूल डे मनाएं।  

दोस्तों के साथ इस मुहिम में जुड़ा

हरबंश नगर की रहने वाले पूर्व प्रिंसिपल सुरिंदर कुमार महाजन का कहना है कि अप्रैल फूल का नाम बच्चों से सुना है। ऐसे दिन मनाने का कोई फायदा नहीं, जिससे पर्यावरण और देश का कोई विकास न जुड़ा हो। इससे बेहतर है कि इस दिन को अप्रैल कूल के रूप में मनाया जाए। मैं खुद अपने दोस्तों के साथ इस मुहिम में इस बार जुड़ गया हूं। 

इस मुहिम से पर्यावरण को पहुंचेगा काफी लाभ

चरणजी‍तपुरा के रहने वाले सोशल वर्कर हर्ष गुप्ता का मानना है कि हमेशा क्लीन सिटी और ग्रीन सिटी का लोग नारा लगा देते हैं, लेकिन अपना योगदान नहीं देते हैं। एक पौधा लगाने के मायने भी लोग यदि समझ जाएं तो जालंधर ही नहीं, बल्कि हमारे आसपास के पर्यावरण को काफी लाभ पहुंचेगा। इसमें फायदा हमारा ही है। 

शहर में भी चलनी चाहिए गांव जैसी हवा

DAV University के Btech Student हिमांशु का कहना है कि शहर से किसी गांव जाता हूं तो टैम्परेचर में काफी फर्क नजर आता है। वहां की हरियाली दिल को छूती है। मस्ती मजाक तो पूरा साल चलता रहता है, लेकिन इस साल अप्रैल फूल डे को हम दोस्तों ने अप्रैल कूल डे मनाने का फैसला कर लिया है, ताकि शहर में भी गांव जैसी ठंडी हवाएं चलें।

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