बेजुबानों की सुनी आवाज, रोजाना पूरी कर रहे खाने की आस
कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने को कर्फ्यू लग गया।
मनीष शर्मा, जालंधर
कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने को कर्फ्यू लग गया। घरों में बैठे लोगों तक तो प्रशासन ने फल-सब्जियों व राशन की होम डिलीवरी शुरू कर दी लेकिन सड़क पर बेजुबान घूम रहे हजारों कुत्तों का कोई इंतजाम नहीं था। रोज सड़कों पर भूख से व्याकुल होते और हर गुजरने वाले को टकटकी लगाकर देखते इन बेजुबानों की आवाज सुनीं एनिमल प्रोटेक्शन फाउंडेशन ने। पिछले 21 दिन से वो इन्हें रोज खाना दे रहे हैं। जिसमें दूध व ब्रेड के साथ डॉग फीड भी शामिल है। जिस पर हर रोज उनका पांच हजार से ज्यादा खर्च हो रहा है।
फाउंडेशन के अध्यक्ष युवी सिंह बताते हैं कि उनकी संस्था पिछले एक साल से बीमार व जख्मी कुत्तों, गाय व पक्षियों का मुफ्त इलाज कर रही है। जब अचानक कर्फ्यू लगा तो इन बेजुबान पशुओं के लिए मुश्किल खड़ी हो गई। इसलिए संस्था के साथ जुड़े कारोबारी, नौकरीपेशा व विद्यार्थियों ने मिलकर फैसला किया कि हर रोज शहर में इन्हें खाना खिलाएंगे। इस काम के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जो मिट्ठा बाजार, मॉडल टाउन, ज्योति चौक, फुटबॉल चौक, अवतार नगर, माई हीरां गेट, लाडोवाली रोड समेत अलग-अलग इलाकों में घूमकर उन्हें खाना खिला रहे हैं। युवी सिंह कहते हैं कि इसके लिए प्रशासन से कर्फ्यू पास लिया है। वो कहते हैं कि अगर कोई इस काम में योगदान देना चाहता है तो उनसे 98777-32560 पर संपर्क कर सकता है। पीपीई किट पहनकर घूम रहे, डिस्पोजल में दे रहे खाना
युवी सिंह ने कहा कि इस काम के दौरान खुद को संक्रमण से बचाना जरूरी है, ताकि यह वायरस उन्हें या उनके जरिए परिवार तक ना पहुंचे, इसके लिए उन्होंने पीपीई किट मंगवाई हैं। संस्था के सभी सदस्यों को यह किट दी जा रही है। इसके अलावा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए भी डिस्पोजेबल सामान का इस्तेमाल करते हैं ताकि वो सही ढंग से खाना खा सकें और गंदगी भी ना फैले। विदेशी धरती से महसूस किया बेजुबानों का दर्द
बेजुबान पशुओं व जरूरतमंदों की आवाज विदेश में बैठे पंजाबियों ने भी महसूस की। जेम सोशल सर्विस एनजीओ चला रहीं गुरप्रीत कौर नरोता हर रोजाना करीब 100 कुत्तों को खाना खिला रही हैं। कुत्तों को पैडीग्री, दूध, ब्रेड के साथ उबले हुए चावल देते हैं। वह संस्था सदस्य जीवन ज्योति के साथ रोजाना गाड़ी से निकलती हैं और लाडोवाली रोड, बस स्टैंड व इसके आसपास के इलाकों में उन्हें खाना देती हैं। गुरप्रीत बताती हैं कि जब से कर्फ्यू लगा है,तब से वो यह काम कर रही हैं। इस काम में नॉर्वे में रहते उनके पति जसमीत सिंह नरोता के अलावा दुबई में रह रहे डॉ. हसमीत कौर, कंवरपाल सिंह, कैप्टन गुरजीवन सिंह, नवजोत कौर ढिल्लों कनाडा व सुखविदर कौर इटली से मदद कर रही हैं। गुरप्रीत कहती हैं कि कुत्तों के साथ वह जरूरतमंद लोगों को एक-एक हफ्ते का राशन भी दे रही हैं। इसके अलावा बस स्टैंड या आसपास जो बेघर लोग रहते हैं, उनके लिए भी पका हुआ खाना लेकर जाती हैं।