भीष्म पितामह की याद में मनाई जाती है भीष्म पंचक एकादशी
मां अन्नपूर्णा मंदिर में आंवला पूजन के कार्तिक मेले में आज 5वें दिन भी भक्तों का तांता लगा रहा।
जागरण संवाददाता, जालंधर : मां अन्नपूर्णा मंदिर में आंवला पूजन के कार्तिक मेले में आज 5वें दिन भी भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों ने आंवला वृक्ष का पूजन किया। मौली बांधकर परिक्रमा की और आंवले की छाया में बैठ मां अन्नपूर्णा मंदिर के प्रांगण में भोजन ग्रहण किया। कल से एकादशी शुरू हुई है और पूर्णिमा तक चलेगी। इन्हें भीष्म पंचक एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह भीष्म पितामह की याद में भी मनाई जाती है।
महाभारत के युद्ध के बाद श्री कृष्ण पाण्डवों को भीष्म पितामह के पास ज्ञान प्राप्त करने के लिए लेकर गए। भीष्म ने उन्हें कार्तिक शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तक धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पुरुषार्थ चतुष्टय का ज्ञान दिया। यह ज्ञान यज्ञ पांच दिन तक चला। इसीलिए इसे भीष्म पंचक के नाम से याद किया जाता है। 23 नवंबर को पूर्णिमा को अन्नपूर्णा मन्दिर में स्थित राम तलाई में दीपदान किया जाएगा। पूर्व विधायक केडी भंडारी भी आज मां अन्नपूर्णा के दरबार में नतमस्तक हुए। परिवार व जनसाधारण की खुशहाली के लिए मंगलकामना की।
इस अवसर पर अन्नपूर्णा मंदिर प्रबंधक कमेटी के प्रधान भारत भूषण ज्योति, महासचिव सुनील ज्योति, पंकज ज्योति, राजेश ज्योति, राजेश शर्मा, अश्विनी हाण्डा, गोपाल कृष्ण सोनी, राजेश नोना, ईश चोपड़ा, सुदर्शन भार्गव, विपन उप्पल, बलवीर ज्योति, लक्की कपिला, राजेन्द्र ज्योति, विपन ज्योति, सुदर्शन भार्गव, राकेश वैद्य, पंडित राकेश शर्मा, प्रवीण महाजन, हितेन्द्र कपूर, जितेंद्र शर्मा, राकेश बाहरी, दिवाकर सेखड़ी, महिला संकीर्तन मंडल के साथ-साथ अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।