Move to Jagran APP

अवैध कॉलोनी में विधायक ¨रकू की पत्नी को गिफ्ट में दिए दो प्लॉट

अवैध कॉलोनी मामले में भाजपा नेताओं ने बड़ा खुलासा किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 01:29 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 01:29 PM (IST)
अवैध कॉलोनी में विधायक ¨रकू की पत्नी को गिफ्ट में दिए दो प्लॉट
अवैध कॉलोनी में विधायक ¨रकू की पत्नी को गिफ्ट में दिए दो प्लॉट

जासं, जालंधर : अवैध कॉलोनी मामले में भाजपा नेताओं ने बड़ा खुलासा किया है। नगर निगम की पार्षद व जालंधर वेस्ट हलके के विधायक सुशील ¨रकू की पत्नी सुनीता ¨रकू के नाम से बस्ती शेख की अवैध कॉलोनी में इसी साल 15 मई को एक प्लॉट को कमर्शियल, दूसरे को रिहायशी प्लॉट बताकर खरीदा गया है। जिस प्लॉट को कॉमर्शियल बताया गया है, तहसील रिकार्ड में न तो उसका सीएलयू हुआ है न ही सीएलयू के लिए आवेदन किया गया है। जमीन की खरीद में स्टांप फीस में भी बड़े पैमाने पर चोरी की गई है। भाजपा नेता शीतल अंगुराल व अमित तनेजा ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया है कि अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदकर निगम पार्षद सुनीता ¨रकू ने अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग किया है, उनकी निगम की सदस्यता खत्म की जानी चाहिए। इस पूरी गड़बड़ी में विधायक सुशील ¨रकू की सहमति है। विधायक के रूप में उन्होंने भी सरकारी शक्तियों का दुरुपयोग कर नगर निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के साथ ही लोगों का चुना हुआ प्रतिनिधि होने के नाते उनके खिलाफ धारा-409 के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए। ये हैं खामियां

loksabha election banner

बस्ती शेख की जिस अवैध कॉलोनी में सुनीता ¨रकू के नाम से कोड नंबर-1 के एक प्लॉट को दो नंबर रिहायशी व उसी कोड वाली जगह के दूसरे प्लॉट को तीन नंबर कमर्शियल बताकर खरीदा गया है। नियमानुसार डीसी रेट निर्धारित करते समय एक ही कोड वाली जगह का एक प्लॉट रिहायशी, दूसरा कॉमर्शियल नहीं हो सकता है। इस जगह को खरीदते समय रिकार्ड में पैसों के लेनदेन के कॉलम में लिखा गया है कि जमीन का कोई पैसा बकाया नहीं है। ऐसे में रजिस्ट्रार के समक्ष पैसों के लेनदेन की जरूरत नहीं है। ऑब्लीगेशन के रूप में प्लाट विधायक को दिए

भाजपा नेताओं का आरोप है कि सच ये है कि ये प्लॉट अवैध कॉलोनी बसाने वालों ने ऑब्लीगेशन के रूप में विधायक को दिए हैं। अगर ये मान भी लिया जाय कि पैसों का लेनदेन पहले ही हो चुका है तो एक रिहायशी प्लॉट तीन लाख 60 हजार में (4 मरला 92 वर्ग फुट), दूसरा कमर्शियल बताया जा रहा प्लॉट 4 लाख 70 हजार (एक मरला 193 वर्ग फुट) में खरीदा गया दिखाया है। नियमानुसार जमीन की खरीद में दो लाख रुपये से ज्यादा का लेनदेन नकद नहीं हो सकता है। अगर जमीन के पैसों का लेन-देन पहले हुआ है तो उसके चेक नंबर का रजिस्ट्री में हवाला क्यों नहीं दिया गया है? विधायक पर लगाया कालोनाइजर को संरक्षण देने का आरोप

भाजपा नेताओं का आरोप है कि ये तथ्य स्पष्ट रूप से इशारा करते हैं कि विधायक सुशील ¨रकू अवैध कॉलोनी बसाने वालों से ऑब्लीगेशन लेकर उन्हें संरक्षण प्रदान कर रहे हैं, जिससे नगर निगम को उसके हक का पैसा न मिलने के कारण निगम कंगाल होती जा रही है, विधायक व अवैध कॉलोनी बसाने वाले अमीर होते जा रहे हैं। विधायक गरीबों की नहीं, उन्हीं अमीरों की रक्षा कर रहे हैं। इस मामले में वे विधायक व पार्षद के रूप में मिली शक्तियों के दुरुपयोग मामले में विधान परिषद अध्यक्ष व नगर निगम के मेयर से शिकायत करेंगे, सुनवाई नहीं हुई तो अदालत में जाएंगे। छुपाकर प्रॉपर्टी नहीं ली : विधायक सुशील ¨रकू

विधायक सुशील ¨रकू का कहना है कि भाजपा नेता जिस प्रॉपर्टी को लेकर हो-हल्ला कर रहे हैं वह रिकार्ड में उनके व उनके परिवार के नाम है। किसी से छुपाकर प्रॉपर्टी नहीं ली है। चुनाव लड़ते समय उन्होंने अपनी पुश्तैनी जगह औने-पौने दामों में बेची थी। इसके एवज में बाद में उन्हें दूसरी जगह महंगे दामों पर प्रॉपर्टी मिली है, किसी से कुछ छुपाया नहीं है। न ही उन्होंने कुछ गलत किया है। जहां तक अवैध कॉलोनियों का मामला है तो वे लोगों के हित में उनके साथ खड़े हैं, जब सरकार रेगुलराइजेशन पॉलिसी जारी कर देगी तो तब सभी कॉलोनाइजर सरकार को निर्धारित फीस देने को तैयार हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.