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मक्कड़ विवाद पर नहीं मिला सुखबीर का साथ, रायपुर ने थामा कांग्रेस का 'हाथ' Jalandhar News

रायपुर ने कहा कि प्रॉपर्टी विवाद में उनके साथ धक्केशाही हो रही है लेकिन पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने उनका साथ नहीं दिया।

By Edited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 02:07 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 04:00 PM (IST)
मक्कड़ विवाद पर नहीं मिला सुखबीर का साथ, रायपुर ने थामा कांग्रेस का 'हाथ'  Jalandhar News
मक्कड़ विवाद पर नहीं मिला सुखबीर का साथ, रायपुर ने थामा कांग्रेस का 'हाथ' Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। फगवाड़ा उपचुनाव की वोटिंग से तीन दिन पहले बीबी जागीर कौर के करीबी सीनियर अकाली नेता परमजीत सह रायपुर ने कांग्रेस का हाथ पकड़कर दोहरा झटका दिया। क्योंकि इसका नुकसान शिअद के साथ-साथ भाजपा को भी उठाना पड़ेगा। अकाली नेता सरबजीत सिंह मक्कड़ से प्रॉपर्टी विवाद में पार्टी का उनके पक्ष में स्टेंड न लेने पर रायपुर ने यह फैसला लिया।

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दरअसल, चार दिन पहले सुखबीर बादल फगवाड़ा आए, लेकिन उन्होंने ढेसी परिवार को नहीं बुलाया। इसके बाद मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने ढेसी से मीटिंग करके मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शुक्रवार को परमजीत सिंह रायपुर और दो आजाद पार्षदों को कांग्रेस में शामिल करवाया। वहीं रायपुर ने कहा कि प्रॉपर्टी विवाद में उनके साथ धक्केशाही हो रही है, लेकिन पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने उनका साथ नहीं दिया। इसके चलते पार्टी को अलविदा कहकर कैप्टन सरकार से हाथ मिलाया।

बता दें कि ढेसी परिवार का फगवाड़ा में बड़ा आधार है और उपचुनाव में इसका लाभ कांग्रेस को पूरा मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि रायपुर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आदमपुर से मेंबर भी हैं और वह जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन भी रहे हैं। इसके साथ ही कैंट हलका से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। दूसरी सबसे अहम बात यह रही कि रायपुर के भाई जसपाल सिंह ढेसी जो फगवाड़ा के हैं और हमेशा राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहते हैं। उन्होंने ही रायपुर के कांग्रेस में शामिल होने की लॉबिंग की है। परमजीत सिंह रायपुर का गांव रायपुर फगवाड़ा से सटा है और उनका कारोबार भी वहीं है। उनके भाई का बेटा तमनजीत सिंह इंग्लैंड में सांसद हैं।

शिकायत पर सुखबीर ने कहा था, मैं पटवारी लग्गां

लोकसभा चुनाव में अकाली दल के उम्मीदवार चरणजीत सिंह अटवाल के समर्थन में जब अकाली प्रधान सुखबीर बादल जालंधर आए थे तब नाराज चल रहे परमजीत सिंह रायपुर को बुलाया गया। कई सीनियर नेताओं के बीच जब रायपुर ने सरबजीत मक्कड़ से प्रॉपर्टी विवाद में कार्रवाई की मांग की तो सभी के बीच सुखबीर बादल ने रायपुर से सख्त शब्दों में बात की। रायपुर के जमीनी विवाद पर सुखबीर बादल ने यह तक कह दिया कि मैं की करां, मैं पटवारी लग्गां। इससे आहत रायपुर ने अकाली दल की गतिविधियों में शामिल होना बंद कर दिया था।

दोआबा से भी एसजीपीसी में कांग्रेस की एंट्री

रायपुर के पार्टी में शामिल होने से एसजीपीसी में दोआबा से भी कांग्रेस का प्रतिनिधित्व हो गया है। रायपुर एसजीपीसी में आदमपुर हलके का प्रतिनिधित्व करते हैं। ढेसी परिवार अकाली दल के लिए बड़ी फं¨डग करता रहा है। कैंट, आदमपुर और फगवाड़ा में ढेसी परिवार का होल्ड है जो अगले विधानसभा चुनाव में अकाली दल के लिए नुकसान का कारण बन सकता है। फिलहाल मक्कड़ का रास्ता साफ कैंट हलके से पिछले विधानसभा चुनाव में अकाली दल की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ का रायपुर के कांग्रेस में शामिल होने से अगले चुनाव के लिए फिलहाल रास्ता साफ हो गया है। मक्कड़ की टिकट का विरोध रायपुर ने कई बार किया था। मक्कड़ के मुकाबले एचएस वालिया भी टिकट का दावा कर सकते हैं, लेकिन मक्कड़ का दावा मजबूत माना जा रहा है।

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