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Punjab Politics: किसानों ने रैलियां करने से रोका तो अकाली दल ने लिया दीवारों का सहारा

फरीदकोट में शिअद ने मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ग्रामीण हिस्सों में वाल पेंटिंग व फ्लैक्श बोर्डाे का सहारा ले रही है। इनके माध्यम से शिअद पार्टी बड़ी-बड़ी घोषणाएं व अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचा रही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 12:58 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 01:04 PM (IST)
Punjab Politics: किसानों ने रैलियां करने से रोका तो अकाली दल ने लिया दीवारों का सहारा
नेताओं ने बड़े आकार की दीवार-पेंटिंग और लेखन का उपयोग करके अभियान और प्रचार शुरू कर दिया है।

देवानंद शर्मा, फरीदकोट। विधानसभा चुनाव में छह महीने का समय शेष बचे होने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए शिअद ने मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ग्रामीण हिस्सों में दीवारों का सहारा लिया है। पार्टी वाल पेंटिंग व फ्लेक्स बोर्डाे के माध्यम से अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचा रही है। इससे पहले पार्टी के नेताओं ने ग्रामीण इलाकों में पोस्टर और फ्लेक्स बोर्ड लगाने शुरू कर दिए थे। इन्हें अकाली कार्यकर्ताओं और नेताओं के घरों पर चिपकाया गया था लेकिन अधिकतर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।

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अब पार्टी के नेताओं ने बड़े आकार की दीवार-पेंटिंग के सहारे अभियान और प्रचार शुरू कर दिया है। गांवों में अकाली दल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के घरों की दीवारों पर पेंट, स्याही और अन्य सामग्री से ये दीवार पेंटिंग बनाकर नारे लिखे जा रहे हैं। अकाली दल के चुनावी एजेंडा और वादों को प्रदर्शित करने के लिए कृषि क्षेत्रों में नलकूपों के पास, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग और लिंक सड़कों के साथ बने कमरों की दीवारों का उपयोग किया जा रहा है।

ये सभी दीवार-पेंटिंग आकार में बड़ी हैं। चूंकि ये दीवारें व्यक्तिगत संपत्ति हैं, इसलिए विरोधियों द्वारा इन्हें काला करने की संभावना कम है। क्षेत्र के एक वरिष्ठ अकाली नेता ने अपना नाम साझा न करने की शर्त पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति पर वाल पेंटिंग बनाना चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन हो सकता है। इसके अलावा, ये लेखन किसान संघ के सदस्यों और विरोधियों के विरोध को आमंत्रित कर सकते हैं। इसलिए शिअद पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की संपत्तियों को चुना है।

क्षेत्र के कई चित्रकारों ने कहा कि इस बार स्थिति ने उन्हें रोजगार दिया है। पहले फ्लेक्स बोर्ड के व्यापक उपयोग से चित्रकारों और दीवार-लेखकों को बड़ा नुकसान हुआ था। लेकिन फ्लेक्स बोर्डों को हटाने के डर ने उन्हें इस बार काफी मदद मिली है।


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