दवाइयों की किल्लत से एड्स रोगी परेशान
सिविल अस्पताल में एड्स रोगियों के लिए दवाइयों की कमी हो गई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर
सिविल अस्पताल में मरीजों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। आम बीमारियों के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की कमी दूर नहीं हुई कि अब एचआइवी एड्स रोगियों को दवाइयों की किल्लत होने लगी है। दवा न मिलने से मरीजों को भटकना पड़ रहा है। विभाग की ओर से एड्स के मरीजों को दी जाने वाली वैकल्पिक दवाइयों से उनकी तबीयत बिगड़ रही है। दवाइयों की किल्लत पूरे राज्य में है और सेहत विभाग के कान पर जूं तक नही रेंग रही है। सिविल सर्जन ने मामला विभाग के आला अधिकारियों के समक्ष रख कर समाधान करवाने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार सिविल अस्पताल में बने एआरटी सेंटर में जिले के अलावा आसपास के इलाकों के करीब 3500 एचआइवी एड्स रोगियों का इलाज चल रहा है। पिछले करीब तीन माह से सेंटर में दवाइयों की कमी चल रही है। विभाग की ओर से मरीजों को एक-एक माह की दवाइयां दी जीती थी, लेकिन अब चार दिन से एक सप्ताह तक की दवाइयां दी जा रही हैं। कई मरीजों को बाजार से भी दवा खरीदनी पड़ रही है। दवा लेने के लिए आए मरीज के स्वजन ने बताया कि मरीजों को दी जानी वाली डिलटेगावीर दवा पिछले लंबे समय से नहीं मिल रही। इसकी जगह पर दी जा रही दवा खाने से मरीज गंभीर बीमार होकर बिस्तर पकड़ने लगे हैं। मरीज कमजोरी की वजह से चलने में भी बेबस हो रहे हैं।
प्रयास नेटवर्क आफ पाजिटिव पीयुपल्स वेलफेयर सोसायटी पंजाब के प्रधान प्रदीप कुमार का कहना है कि दवाइयों की कमी पूरे पंजाब में है। ज्यादातर एचआइवी एड्स रोगी टीबी, किडनी तथा लीवर की बीमारियों का शिकार होते हैं। ज्यादातर मरीज गरीब वर्ग से जुड़े हैं। उनकी आमदनी दवाइयों में खर्च हो रही है। वहीं सरकारी अस्पतालों में भी इन मरीजों के इलाज को लेकर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। सिविल सर्जन डा. रमन शर्मा ने समस्या को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि मरीजों का सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज किया जाता है। दवाइयों की कमी का मामला विभाग के आला अधिकारियों के समक्ष रखा है।