MonkeyPox Alert: जालंधर में सेहत विभाग ने जारी की एडवाइजरी, प्रभावित देशों से लौटे लोगों पर भी पैनी नजर
सेहत विभाग के डायरेक्टर डा. जीबी सिंह ने बताया कि मांकीपाक्स प्रभावित देशों से पिछले 21 दिन में जो लोग आए हैं उन पर पैनी नजर रखी जाए। मांकीपाक्स के मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों को मांकीपाक्स के संदिग्ध मरीजों की श्रेणी में रखा जाए।
जागरण संवाददाता, जालंधर: कोरोना के बाद विदेश में मांकीपाक्स के मामले सामने आने के बाद देश में सेहत विभाग अलर्ट हो गया है। फिलहाल देश में कोई केस नहीं आया है, लेकिन राज्य के सेहत विभाग ने एहतियात के तौर पर सभी को एडवाइजरी जारी कर दी है।
सैंपल लेकर एनआईवी पुणे भेजने के आदेश
सेहत विभाग के डायरेक्टर डा. जीबी सिंह ने बताया कि मांकीपाक्स प्रभावित देशों से पिछले 21 दिन में जो लोग आए हैं, उन पर पैनी नजर रखी जाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि मांकीपाक्स के मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों को मांकीपाक्स के संदिग्ध मरीजों की श्रेणी में रखा जाए। इन संदिग्ध मरीजों को आईसोलेट सेंटरों में रखा जाए। उनके सैंपल लेकर एनआईवी पुणे में भेजने के आदेश भी दिए गए हैं। कोरोना काल के दौरान जिला व सब डिविजनल अस्पताल स्तर पर आईसोलेशन वार्ड बनाए थे। उन्हें वार्डों को मांकीपाक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
क्या है मांकीपाक्स वायरस?
यह वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था। मांकीपाक्स देखने में बिल्कुल चेचक की तरह लगता है। इस वायरस की चपेट में आने से बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और पीठ दर्द जैसी समस्या होती है। इस वायरस की शुरूआत चेहरे से होती है बाद में यह पूरे शरीर तक पहुंच जाता है। वायरस के होने से पूरे शरीर में दाने-दाने हो जाते हैं। जब कोई जानवर या वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आता है तब मांकीपाक्स शरीर में फैलना शुरू होता है।
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बता दें कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, यूके और यूएस के बाद अब भारत में भी मांकीपाक्स के मामले देखने को मिल रहे हैं। अगर ध्यान न रखा गया तो आने वाले दिनों में इस वायरस के केस और भी बढ़ सकते हैं।