दुष्कर्म जैसी घटनाएं रोकने को बेटों को भी संस्कारी बनाना जरूरी
जागरण संवाददाता, जालंधर : एडीशनल डिप्टी कमिश्नर जसबीर ¨सह ने कहा कि समाज में बढ़ती दुष्क
जागरण संवाददाता, जालंधर : एडीशनल डिप्टी कमिश्नर जसबीर ¨सह ने कहा कि समाज में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए एक बार फिर महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी। महिलाओं को या तो पहले की तरह दादा-दादी जैसे काउंसलर के दायरे में बच्चों को लाकर कंबाइंड फैमिली का कान्सेप्ट अपनाना होगा या फिर एकल फैमिली में रहते हुए उन्हें मां के साथ दादा-दादी जैसे सशक्त काउंसलर की भूमिका निभानी होगी।
एडीसी जसबीर मंगलवार को एचएमवी कॉलेज से निकाले गए शांति मार्च से पूर्व छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। कॉलेज कैंपस से एडीसी ने मार्च को हरी झंडी दी। मार्च पुरानी जीटी रोड से होते हुए वर्कशॉप चौक से वापस कॉलेज पहुंचा। इसमें बड़ी संख्या में कॉलेज की छात्राओं के साथ स्टाफ मौजूद हुआ। उन्होंने कहा कि परिवार में दादा-दादी परिवार को संस्कार की डोर बांधे रहते थे। जब से ये डोर टूटी है, बुजुर्ग परिवारों से निकलकर वृद्धाश्रम में पहुंचे हैं, परिवार बिखरने लगे है, बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं के पीछे की बड़ी वजह यही है। इन्हें सिर्फ कानून के बल पर नहीं रोका जा सकता है, सकारात्मक सोच के साथ समाज के सामूहिक प्रयास से ही इस पर अंकुश लगाया जा सकता है, जिसमें महिलाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इस मौके पर जिला गाइडेंस काउंसलर सुरजीत लाल, अशोक सहोता, को-आर्डिनेटर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मीनाक्षी, डॉ. राजीव दयोल भी शामिल थे। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना जरूरी
एडीसी ने कहा कि इस समय सबसे बड़ी जरूरत महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी शिक्षा की तरफ विशेष ध्यान देने के साथ ही बेटों को भी संस्कारित करना है। सिर्फ महिलाओं पर ही फोकस करके समस्या कम नहीं होगी। इससे पहले कॉलेज की ¨प्रसिपल डॉ.अजय सरीन ने पीस मार्च के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला।