सरकारी दवाइयों की चोरी का मामला ठंडे बस्ते में, सेहत विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई
छापामारी के 40 दिन बाद भी सेहत विभाग दवाइयां चोरी होने के मामले से पर्दा उठाने में नाकाम रहा है। इस मामले में पकड़ी गई महिला डॉक्टर को जमानत मिल गई है।
जेएनएन, जालंधर। सरकारी दवाइयों की सप्लाई निजी अस्पताल से पकड़ने जाने का मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया है। छापामारी के 40 दिन बाद भी सेहत विभाग दवाइयां चोरी होने के मामले से पर्दा उठाने में नाकाम रहा है। सेहत विभाग और पुलिस प्रशासन में तालमेल के अभाव के चलते इस मामले में पकड़ी गई महिला डॉक्टर को जमानत मिल गई। 30 अप्रैल को ड्रग इंस्पेक्टर अनुपमा कालिया, दिनेश कुमार, स्पेशल सेल की टीम के सदस्य जेपी सिंह व जरनैल सिंह के अलावा पुलिस की टीम ने भोगपुर के निकवर्ती गांव बुट्टरा में नीलम मेमोरियल शर्मा अस्पताल में दबिश दी थी। मौके पर सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होने वाली भारी मात्रा में दवाइयां बरामद की गई। टीम ने मौके पर 25 प्रकार की दवाइयां सील की थी।
पुलिस ने मौके पर डॉ. रितु शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मामले की जांच करने के लिए सेहत विभाग की ओर से डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. हरप्रीत कौर मान, डॉ. टीपी सिंह, डॉ. देस राज व फार्मासिस्ट हरजिंदर सिंह की टीम को जांच करने के आदेश दिए थे। गठित कमेटी ने जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। विभाग की ओर से दवाइयों की सप्लाई का रिकॉर्ड जांचने के बावजूद टीम के हाथ खाली हैं। टीम निजी अस्पताल की डॉक्टर के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में तैनात फार्मासिस्ट पति की पड़ताल करने में नाकाम रही है।
टीम गांव बुट्टरा के निजी अस्पताल से पकड़ी गई ज्यादातर दवाइयों की सप्लाई जालंधर से सप्लाई न होने की बात कह पर कन्नी कतरा रहे है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा का कहना है कि टीम जांच पड़ताल कर रही है। वह सिविल सर्जन कपूरथला से भी दवाइयों का रिकार्ड मांग कर जांच करवाएंगे।
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