तीन साल में नेशनल हाइवे पर 11.6 फीसद ज्यादा मौतें, नई कारों में सरकार करेगी अहम बदलाव Jalandhar News
नेशनल हाइवेज पर सड़क हादसों में हो रही मौतों पर सेवामुक्त जस्टिस केएस राधाकृष्णन की चेयरमैनशिप वाली सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने कड़ी नाराजगी जताई है।
जालंधर [मनीष शर्मा]। नेशनल हाइवेज पर सड़क हादसों में हो रही मौतों पर सेवामुक्त जस्टिस केएस राधाकृष्णन की चेयरमैनशिप वाली सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने कड़ी नाराजगी जताई है। पिछले तीन सालों में नेशनल हाइवे पर सड़क हादसों में 11.6 फीसद ज्यादा मौतें हुई हैं, जोकि देश भर में हुई 5.9 फीसद से लगभग दोगुनी हैं। यहां तक की स्टेट हाइवेज पर मौतों का ग्राफ कम है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने तर्क दिया कि हाइवेज के लंबे व चौड़े होने की वजह से ज्यादा मौतें हो रही हैं।
सड़क हादसों को रोकने के लिए अब कार की अगली सीट पर दो एयरबैग, सीट बैल्ट अलर्ट के साथ एक जुलाई से बनने वाली कारों में स्पीड अलार्म सिस्टम जरूरी कर दिया गया है। जिसमें 80 किमी की स्पीड में कार बीप-बीप की आवाज करेगी जबकि 120 किमी प्रति घंटे से ज्यादा स्पीड होने पर लगातार अलार्म बजेगा। लिंक सड़कों से नेशनल हाइवे पर आती गाड़ियों के लिए भी तीन महीने में उचित प्रबंध कर दिए जाएंगे। यह जवाब सुन कमेटी ने केंद्रीय परिवहन मंत्रालय व एनएचएआई से 30 सितंबर तक इन्हें लागू करने की रिपोर्ट तलब कर ली है। दो जुलाई को रोड सेफ्टी कमेटी की केंद्रीय परिवहन मंत्रालय व एनएचएआई के साथ मी¨टग के बाद 12 जुलाई को इसकी प्रोसीडिंग सूचना के लिए पंजाब सरकार को भेजी गई है।
पंजाब में नेशनल हाइवेज पर 36 फीसद मौतें
पंजाब में 71,912 किमी रोड नेटवर्क में सिर्फ 3.7 फीसद यानि 2,677 किलोमीटर नेशनल हाइवे है। अकेले साल 2018 के आंकड़े देखें तो सड़क हादसों में कुल 4,740 मौतों में से 36 फीसद यानि 1749 मौतें नेशनल हाइवे पर हुई हैं। 1,097 किमी स्टेट हाइवे पर 1418 जबकि अन्य सड़कों पर 1237 लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई है। पंजाब में नेशनल हाइवे पर लगभग 400 ब्लैक स्पॉट हैं, जहां के पांच सौ मीटर के दायरे में जानलेवा सड़क हादसे होते हैं। नेशनल हाइवेज पर कुछ जगहें तो ऐसी हैं, जहां एक किमी में पांच-पांच मौतें हुई हैं।
हेलमेट पर 18 फीसद जीएसटी का विरोध
सुप्रीम कोर्ट रोड सेफ्टी कमेटी ने केंद्र सरकार के हेलमेट पर 18 फीसद जीएसटी लगाने का भी विरोध जताया। कमेटी ने कहा कि हेलमेट लग्जरी आइटम नहीं बल्कि जरूरत है। जीएसटी कम होना चाहिए। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में पहले ही वित्त विभाग को लिखा जा चुका है। कमेटी ने इस बारे में जानकारी देने को कहा। परिवहन मंत्रालय ने यह भी बताया कि हेलमेट की क्वालिटी के लिए उन्होंने ब्यूरो ऑफ स्टेंडर्ड (बीआईएस) से बात हो चुकी है। जल्द ही हेलमेट के क्वालिटी कंट्रोल का ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। जिसके बाद सब स्टेंडर्ड क्वालिटी के हेलमेट को राज्य स्तर पर बैन कर दिया जाएगा।
गुड समेरिटन सही ढंग से लागू न होने पर नाखुशी
कमेटी ने कहा कि कई समाज सेवी संगठनों ने बताया कि सड़क हादसे में जख्मी को अस्पताल पहुंचाने वाले गुड समेरिटन की सुरक्षा के लिए जारी दिशानिर्देशों के बारे में पब्लिक, पुलिस व मेडिकल पेशेवरों में पर्याप्त जागरूकता नहीं है। परिवहन मंत्रालय ने कहा कि नए मोटर व्हीकल संशोधन बिल में गुड समेरिटन्स की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। जिसमें एंबुलेंस को रास्ता न देने वालों पर दस हजार जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। हालांकि कमेटी ने मंत्रालय को स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय से मिलकर इस बारे में और पुख्ता बंदोबस्त करने को कहा।
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