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जालंधर में 940 सरकारी प्राइमरी स्कूल, किसी में भी सुरक्षा गार्ड नहीं और न ही सीसीटीवी कैमरे

शनिवार को दैनिक जागरण की टीम ने सरकारी स्कूलों की पड़ताल की तो सामने आया कि यहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है। जालंधर जिले में 940 सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं लेकिन किसी में सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं हैं।

By Edited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 05:17 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 05:17 AM (IST)
जालंधर में 940 सरकारी प्राइमरी स्कूल, किसी में भी सुरक्षा गार्ड नहीं और न ही सीसीटीवी कैमरे
जालंधर जिले में 940 सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं, लेकिन किसी में सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं हैं।

जालंधर, जेएनएन। मोगा के एक गाव के सरकारी प्राइमरी स्कूल में शुक्रवार सुबह एक युवक ने स्कूल पहुंचे बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद पांचवीं कक्षा की 11 साल की छात्रा को दूसरे कमरे में ले जाकर दुष्कर्म का प्रयास किया। आरोपित को गिरफ्तार किया जा चुका है, परंतु इस घटना ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने आने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इसे लेकर शनिवार को दैनिक जागरण की टीम ने सरकारी स्कूलों की पड़ताल की तो सामने आया कि यहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है।

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जालंधर जिले में ही 940 सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं, लेकिन किसी में भी सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात नहीं हैं। जिले के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा का जिम्मा सिर्फ शिक्षकों के हवाले है। यहां न तो कोई सुरक्षा गार्ड होता है और न ही गेटकीपर। उसका कारण है, विभाग की तरफ से अभी तक प्राइमरी स्कूलों को लेकर किसी प्रकार का कोई फंड जारी नहीं किया जाता है और न ही ऐसी पोस्टें दी गई हैं। जिले में 940 सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 113 को क्लस्टर स्कूल बनाया गया है। क्लस्टर स्कूल का मतलब यह होता है कि एक स्कूल के साथ पांच से सात स्कूलों को आपस में जोड़ दिया गया है।

अभी एक-दो शिक्षकों के सहारे ही यह स्कूल चल रहे हैं। इन स्कूलों की दिक्कतों व साइनिंग अथारिटी के लिए ही क्लस्टर स्कूल बनाए गए हैं। क्लस्टर स्कूल के हेड अपने से जुड़े स्कूलों की डाक, ग्रांट, शिक्षकों का वेतन आदि हस्ताक्षर कर रिलीज करवाते हैं। इनमें से महज 25-30 ऐसे स्कूल हैं, जिनमें दर्जा चार के पद हैं और इन्हीं में कुछ ऐसे हैं, जो दानी सज्जनों की मदद से माली व चौकीदार रखे हैं, ताकि रात के समय स्कूल की निगरानी होती रहे।

अधिकतर स्कूलों में नहीं लगे हैं सीसीटीवी कैमरे

शिक्षा विभाग की तरफ से 2020 में कोविड-19 काल शुरू होने से पहले प्राइमरी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की जानकारी मांगी थी। ताकि पता लगाया जा सके कि कितने स्कूलों की तरफ से सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं। इसके तहत ही प्राइमरी के 288 स्कूलों को पहले चरण में कैमरे लगाने का प्लान बनाया गया है। जल्द ही उस प्रोजेक्ट को लेकर ग्रांट जारी की जा सकती है। हालांकि चार-पांच स्कूलों में शिक्षकों ने अपने खर्च पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं।


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