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सड़कों पर खड़े वाहनों ने पिछले दो साल में ली 30 लोगों की जान, 50 से ज्यादा हुए घायल Jalandhar News

धुंध में सड़कों पर खड़े ऐसे वाहनों का पता चल सके इसके लिए इन पर रिफ्लेक्टर भी नहीं लगे होते। पिछले कुछ सालों के दौरान हाईवे पर खड़े ऐसे वाहनों के कारण कई बड़े हादसे हुए हैैं।

By Vikas KumarEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 07:47 AM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 03:32 PM (IST)
सड़कों पर खड़े वाहनों ने पिछले दो साल में ली 30 लोगों की जान, 50 से ज्यादा हुए घायल Jalandhar News
सड़कों पर खड़े वाहनों ने पिछले दो साल में ली 30 लोगों की जान, 50 से ज्यादा हुए घायल Jalandhar News

जालंधर [सुक्रांत]। दोआबा और धुंध का रिश्ता बहुत गहरा है। आधा नवंबर गुजर गया है और एक बार फिर से मौसम धुंध की तरफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। गहरी धुंध में जहां कुछ फुट तक तक देख पाना भी मुश्किल होता है, वहीं सड़क पर ही खड़े कर दिए जाने वाले भारी वाहन धुंध के दिनों में हादसों का कारण बनते हैं। सड़क पर खड़े किए जाने वाले वाहनों में ट्राले, बड़े ट्रक, टैंकर औक ट्रॉलियां तक शामिल होती हैं। धुंध में सड़कों पर खड़े ऐसे वाहनों का पता चल सके इसके लिए इन पर रिफ्लेक्टर भी नहीं लगे होते। पिछले कुछ सालों के दौरान हाईवे पर खड़े ऐसे वाहनों के कारण कई बड़े हादसे हुए हैैं और कई लोगों की इनके कारण मौत भी हो गई। सड़क किनारे खड़े यह यमदूत असमय ही कई परिवारों के चिराग बुझा चुके हैैं।

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बीते दो साल में गई 30 लोगों की जान

बीते दो साल में सड़क किनारे खड़े ट्रकों व अन्य वाहनों के कारण 50 से ज्यादा हादसे हो चुके हैैं। जिस कारण 30 से ज्यादा लोगों की जान चली गई जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हुए। आदमपुर के समीप हाईवे के किनारे खड़े ट्रक से टकराने से डाक्टर और उसके साथी, जालंधर-फगवाड़ा मार्ग पर हवेली के पास खड़े ट्रक से टकराने से एक दंपती और पठानकोट मार्ग पर सड़क पर खड़े ट्रक से टकराने से गुरदासपुर के एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इन तीनों हादसों ने जालंधर को हिला कर रख दिया था। यह बड़े हादसे थे लेकिन ऐसे हादसों की लिस्ट बड़ी लंबी है।

- 2018 में संगरूर जिले के गांव टुगां के सरकारी सीनियर स्कूल के बच्चों को कपूरथला स्थित साइंस सिटी ले जा रही पीआरटीसी की बस गोराया में हाईवे पर खड़े ट्रक से टकरा गई थी। हादसे में एक अध्यापक की मौत हो गई जबकि आधा दर्जन बच्चे घायल हो गए थे।

- 18 मई को जालंधर-पठानकोट हाईवे पर डीएवी यूनिवर्सिटी के पास 32 वर्षीय कार सवार हबीब अहमद सड़क के किनारे खड़े बड़े ट्राले से टकरा गया। गुरदासपुर के कादियां का रहने वाला हबीब अहमद रमजान की छुट्टी होने पर जालंधर में रहने वाले रिश्तेदारों से मिलने आया था लेकिन दुर्घटना में उसकी मौत हो गई।

- अगस्त 2019 में जालंधर-अमृतसरमार्ग पर सीआरपीएफ कैंप के समीप सड़क किनारे खड़े कैंटर के साथ इनोवा गाड़ी टकरा गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि इनोवा में अगली सीट पर बैठे युवक की गाड़ी में बुरी तरह फंसने के बाद मौके पर ही मौत हो गई। जबकि कार के पीछे बैठी एक विदेशी महिला नागरिक की भी अस्पताल में मौत हो गई, वहीं तीन अन्य सवार लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए।

20 कर्मचारियों के हवाले हाईवे पेट्रोलिंग का काम

मुख्य मार्ग पर खड़े बड़े वाहनों के चालान हाईवे पेट्रोलिंग पार्टी करती है। हाईवे पेट्रोलिंग के लिए जालंधर में नफरी काफी कम है। जरूरत 50 कर्मचारियों की है और मात्र 20 कर्मचारियों के जिम्मे सारा काम है। ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने में यह समस्या बड़ी बाधा है।

इंडियन ऑयल डिपो के समक्ष लगी रहती हैं टैंकरों की कतारें

जालंधर अमृतसर मुख्य मार्ग पर सूच्ची पिंड स्थित इंडियन ऑयल का डिपो है। जहां से पंजाब के विभिन्न हिस्सों के लिए पेट्रोल और डीजल समेत एलपीजी की सप्लाई होती है। पेट्रोल-डीजल और एलपीजी ढोने वाले ट्रकों की लंबी कतारें यहां लगी रहती हैं। सर्दियों और विशेष रूप से रात के समय सड़क किनारे खड़े ट्रकों के साथ कई वाहन टकरा चुके हैैं।

शहर के मुख्य मार्ग पर येलो लाइन के अंदर ही वाहनों को खड़ा किया जा सकता है। इन वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगे होना जरूरी है। जहां पर येलो लाइन नहीं है वहां पर खड़े वाहन का चालान काटा जाता है। पिछले दो साल में सौ से ज्यादा ट्रकों के चालान काटे गए हैैं। पुलिस समय समय पर ऐसे वाहनों के चालकों के खिलाफ कार्रवाई करती है और आगे भी करती रहेगी। धुंध में ऐसे वाहन हादसों का कारण न बनें इसके लिए विशेष मुहिम चलाई जाएगी।

नरेश डोगरा, डीसीपी ट्रैफिक, जालंधर।

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