खादी एंड विलेज इंडस्ट्री बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह बोले, युवाओं को हर साल देंगे तीन करोड़ के लोन Jalandhar News
मेजर सिंह ने माना कि प्रचार में कमी के कारण लोगों तक स्कीम पूरी तरह नहीं पहुंच रही लेकिन वह इसके लिए गांव स्तर तक कैंप लगाएंगे। इसके लिए पंचायतों से भी संपर्क होगा।
जालंधर, जेएनएन। स्वरोजगार के तहत सात तरह की कैटागिरी में कर्ज उपलब्ध करवा रहे पंजाब खादी एंड विलेज इंडस्ट्री बोर्ड के डायरेक्टर पद पर कांग्रेस के सीनियर नेता मेजर सिंह की नियुक्ति हुई है। मेजर सिंह ने कहा कि ऐसे समय में जब युवा पंजाब से विदेश का रुख कर रहे हैं, तो यह जिम्मेवारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
मेजर सिंह ने कहा कि युवाओं को न सिर्फ देश में रोकना जरूरी है, बल्कि उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान करने हैं। पंजाब खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड स्वरोजगार के तहत एक लाख से 25 लाख रुपए के लोन उपलब्ध करवा रहा है। इसमें खास बात यह है कि लोन लेने वाले जनरल कैटेगिरी के आवेदक का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी और महिला समेत अन्य कैटागिरी को सिर्फ 5 प्रतिशत मार्जिन मनी देनी होगी। मेजर सिंह ने कहा कि स्कीम पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी गई है, जिस कारण इसमें किसी भी तरह की चूक नहीं रहेगी और ना ही किसी तरह की गड़बड़ी हो सकेगी।
मेजर सिंह ने माना कि प्रचार में कमी के कारण लोगों तक स्कीम पूरी तरह नहीं पहुंच रही, लेकिन वह इसके लिए गांव स्तर तक कैंप लगाएंगे। इसके लिए पंचायतों से भी संपर्क होगा। युवाओं को पंजाब में ही स्वरोजगार के लिए तीन करोड़ के लोन दिए जाएंगे।
महिलाओं को 35 प्रतिशत तक सब्सिडी
लोन पर 25 से 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी है। जनरल कैटागिरी को लोन पर 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी, जबकि महिलाओं, एससी, बीसी, दिव्यांग व अन्य आरक्षित कैटागिरी को 35 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। जनरल कैटेगिरी में अगर कोई एक लाख का लोन लेता है, तो उसे 75 हजार वापस करने होंगे, जबकि अन्य कैटेगिरी में एक लाख का लोन लेने पर 65 हजार वापस करने होंगे।
शहरी लोग भी सकते हैं लोन
डायरेक्टर मेजर सिंह ने कहा कि लोन शहरी इलाकों से बाहर कारोबार के लिए दिया जा रहा है। उन कस्बों में भी काम किया जा सकता हैं, जहां कि आबादी साल 2001 की मतगणना के समय 20000 से कम थी। शहरी इलाकों में रहने वाले भी इस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं, लेकिन उन्हें काम देहात एरिया में करना होगा।
लोन की कैटेगिरी खनिज आधारित उद्योग
चूना पत्थर से जुड़े काम, पत्थर काटने-क्रश करना, पत्थर से तैयार होने वाली वस्तुएं, बर्तन साफ करने वाला पाउडर, सोने चांदी के गहने बनाना, गुलाल, रंगोली, चूड़ियां, कंगन बनाना, डिस्टेंपर, पेंट, शीशे के खिलौने।
वन आधारित उद्योग: हाथ से कागज बनाना, गूंद, लाख, माचिस, पटाखे और अगरबत्ती बनाना, लिफाफे, किताबें, रजिस्टर स्टेशनरी बनाना, फोटो फ्रेम, केन, बांस से काम।
खाद्य पदार्थ: दाल, अनाज, मसाला पैंकिंग और मंडीकरण, नूडल्स बनाना, आटा चक्की, दलिया, छोटे राइस शेलर, गुड, गन्ने का रस, मधुमक्खी पालन, आचार, सब्जियां की संभाल, तेल, दूध से बनने वाले उत्पाद,पोल्ट्री और कैटल फीड।
केमिकल आधारित उद्योग: चमड़ा उद्योग, साबुन, रबड़, रेक्सीन के प्रोडक्ट, मोमबत्तियां, मुश्क कपूर, पैकिंग के लिए प्लास्टिक की वस्तुएं बनाना, बिंदी, मेहंदी, तेल, शैंपू, बर्तन-कपड़े धोने का पाउडर।
इंजीनियरिंग और पारंपरिक ऊर्जा: तरखान, लोहार के काम, एलुमिनियम के बर्तन बनाना, गोबर से गैस प्लांट और खाद, वोल्टेज स्टेबलाइजर, साइकिल-रिक्शा, मोटर वाले रेहड़े, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट
कपड़ा उद्योग: रेडीमेड गारमेंट, बुटीक, खिलौने, धागे का गोला, कढ़ाई का काम, स्टोव की बत्तियां बनाना, जुराब बनाना।
र्विस इंडस्ट्री: लॉन्ड्री, नाई का काम, बिजली का काम, डीजल इंजन और पंप सेट, टायर वल्केनाइजिंग का काम, खेती-बाड़ी के पंप-दवाइयां और स्प्रे, लाउडस्पीकर और माइक, बैटरी चार्ज करना, क्लासिक बोर्ड पेंटिंग, साइकिल मरम्मत, राजगीरी, बैंड ट्रूप, ढाबा, आयोडीन नमक।
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